Delhi HC: दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi HC) ने 1 जुलाई (सोमवार) को एआईटीएमसी सांसद (TMC MP) साकेत गोखले (Saket Gokhale) को मानहानि (Defamation case) के लिए संयुक्त राष्ट्र की पूर्व सहायक महासचिव लक्ष्मी पुरी को 50 लाख रुपये का हर्जाना देने का निर्देश दिया। इसके अतिरिक्त, गोखले को टाइम्स ऑफ इंडिया और अपने ट्विटर हैंडल पर माफ़ी मांगनी होगी, और माफ़ी छह महीने तक ट्विटर पर रहेगी।
मानहानि का मुकदमा जून 2021 में गोखले द्वारा पोस्ट किए गए ट्वीट से उत्पन्न हुआ, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि पुरी और उनके पति ने काले धन से स्विट्जरलैंड में संपत्ति खरीदी है। ट्वीट में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा जांच की भी मांग की गई थी। वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह के नेतृत्व में और करंजावाला एंड कंपनी द्वारा समर्थित पुरी की कानूनी टीम ने तर्क दिया कि ये दावे झूठे थे और पुरी की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुँचा रहे थे।
Delhi High Court orders TMC MP Saket Gokhale to pay ₹50 lakhs as damages to Lakshmi Puri (Union Minister Hardeep Puri’s wife) for defamation.
Gokhale also ordered to publish an apology in The Times of India newspaper and on his Twitter handle. #DelhiHighCourt… pic.twitter.com/jCBZaG341Y
— Bar and Bench (@barandbench) July 1, 2024
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न्यायालय की टिप्पणियां
न्यायमूर्ति अनूप जयराम भंभानी ने फैसला सुनाते हुए कहा कि गोखले के बयानों से पुरी को अपूरणीय क्षति हुई है। अदालत ने गोखले को आगे मानहानि वाले प्रकाशनों से रोक दिया और इस बात पर जोर दिया कि मौद्रिक मुआवज़ा पुरी की प्रतिष्ठा को पूरी तरह से बहाल नहीं कर सकता। हालांकि, सभी कारकों पर विचार करते हुए, गोखले को आठ सप्ताह के भीतर 50 लाख रुपये का हर्जाना देने का आदेश दिया गया।
कानूनी प्रतिनिधित्व
पुरी का सिविल मुकदमा करंजावाला एंड कंपनी द्वारा दायर किया गया था, जिसमें मेघना मिश्रा, तरुण शर्मा, पलक शर्मा और श्रेयांश राठी की टीम शामिल थी। अदालत के फैसले ने सार्वजनिक जीवन में व्यक्तियों के खिलाफ असत्यापित और अपमानजनक बयान देने के गंभीर परिणामों को उजागर किया है।
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