दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म ट्विटर से पूछा है कि जब आप पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को ब्लॉक कर सकते हैं तो हिंदू देवी-देवताओं के बारे में आपत्तिजनक पोस्ट करने वालों को ब्लॉक क्यों नहीं कर सकते हैं। कार्यकारी चीफ जस्टिस विपिन सांघी की अध्यक्षता वाली बेंच ने ट्विटर को ये बताने को कहा कि आप किसी व्यक्ति को ब्लॉक कैसे करते हैं। मामले की अगली सुनवाई 6 सितंबर को होगी।
28 मार्च को सुनवाई के दौरान ट्विटर ने कहा कि वो यूजर्स सभी किस्म के पोस्ट करते हैं और वो सभी के अकाउंट ब्लॉक नहीं कर सकता है। तब न्यायालय ने कहा कि आप डोनाल्ड ट्रंप का अकाउंट ब्लॉक कर सकते हैं, लेकिन हिन्दू देवी-देवताओं के बारे में आपत्तिजनक पोस्ट करने वालों को ब्लॉक क्यों नहीं कर सकते हैं।
पूछा ये सवाल- आप किन परिस्थितियों में अकाउंट को ब्लॉक करते हैं?
आप सुनवाई की अगली तिथि को ये बताएं कि आप किन परिस्थितियों में अकाउंट को ब्लॉक करते हैं। न्यायालय ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि वो हलफनामा दायर कर ये बताए कि किसी अकाउंट को बंद करने के लिए ट्विटर और आईटी मंत्रालय के बीच स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर क्या है।
29 अक्टूबर को दिया था यह निर्देश
29 अक्टूबर 2021 को कोर्ट ने ट्विटर को निर्देश दिया था कि वो हिंदू देवी-देवताओं के बारे में आपत्तिजनक पोस्ट हटाए। न्यायालय ने कहा था कि उसे उम्मीद है कि सोशल मीडिया प्लेटफार्म लोगों की भावनाओं का ख्याल रखेंगे। न्यायालय ने कहा था कि लोग ट्विटर अच्छा काम कर रहा है और लोग खुश हैं। न्यायालय ने ट्विटर के वकील सिद्धार्थ लूथरा से कहा था कि हिंदू देवी-देवताओं के बारे में आपत्तिजनक पोस्ट हटाएं। ये आगे नहीं चलने चाहिए। आप लोगों के लिए व्यवसाय कर रहे हैं। इसलिए उनकी भावनाओं का भी सम्मान करें।
इन्होंने दायर की है याचिका
याचिका वकील आदित्य सिंह देशवाल ने दायर की है। याचिकाकर्ता की ओर से वकील जी तुषार राव और आयुष सक्सेना ने कहा कि ट्विटर, इंस्टाग्राम एवं फेसबुक पर हिन्दू देवी-देवताओं के बारे में आपत्तिजनक पोस्ट डाले गए हैं। इन सोशल मीडिया पर कार्टून और ग्राफिक्स के जरिये देवी-देवताओं पर अश्लील सामग्री डाली गई है। याचिका में कहा गया है कि इन पोस्टों को तुरंत हटाने का दिशा-निर्देश जारी किया जाए। याचिका में मांग की गई है कि आईटी रूल्स का पालन करना सुनिश्चित किया जाए।