दिल्ली उच्च न्यायालय ने सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी (सीसीपीए) के आदेश पर रोक लगा दी है। इस आदेश में होटलों और रेस्टोरेंट को खाने पर सर्विस चार्ज वसूलने पर रोक लगा दी गई थी। जस्टिस यशवंत वर्मा ने यह आदेश जारी किया।
यह याचिका द नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एनआरएआई) ने दायर की थी। वकील नीना गुप्ता और अनन्या मारवाह के जरिए दायर याचिका में कहा गया था कि 04 जुलाई को सीसीपीए ने आदेश जारी कर होटलों और रेस्टोरेंट को सर्विस चार्ज वसूलने पर रोक लगा दिया है। याचिका में इस आदेश को निरस्त करने की मांग की गई थी।
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सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया है तीन तरह के रेस्टोरेंट हैं। पहला वे जो सर्विस चार्ज नहीं वसूलते हैं। दूसरे जो बिना ग्राहक की सहमति के सर्विस चार्ज वसूलते हैं। और तीसरे वे जो सर्विस चार्ज को मेन्यू में प्रदर्शित करते हैं। उन्होंने कहा कि सर्विस चार्ज स्टाफ के लिए होता है। उन्होंने कहा कि हास्पिटैलिटी सेक्टर में सर्विस चार्ज वसूलने की परंपरा पिछले 80 साल से चली आ रही है।
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