Delhi Liquor Policy Case: के. कविता को नहीं मिली राहत, अदालत ने उठाया यह कदम

26 मार्च को कविता को 9 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। उन्हें 15 मार्च को ईडी ने गिरफ्तार किया था। पूर्व सांसद और बीआरएस नेता कविता, जो तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव की बेटी भी हैं।

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Delhi Liquor Policy Case: दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट (Rouse Avenue Court) ने 8 अप्रैल (सोमवार) को दिल्ली शराब नीति मामले (Delhi Liquor Policy Case) में बीआरएस एमएलसी (BRS MLA) के. कविता (K Kavitha) द्वारा दायर अंतरिम जमानत याचिका (interim bail petition) खारिज कर दी। कविता ने अपने नाबालिग बेटे की स्कूल परीक्षाओं के आधार पर अंतरिम जमानत की मांग की थी। पिछली सुनवाई में प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने उनकी जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि कानून के तहत महिलाओं के लिए दी गई रियायतें के कविता जैसी महिला राजनेताओं पर लागू नहीं होती हैं। विशेष सीबीआई न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने बीआरएस नेता की अंतरिम जमानत याचिका खारिज कर दी।

26 मार्च को कविता को 9 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। उन्हें 15 मार्च को ईडी ने गिरफ्तार किया था। पूर्व सांसद और बीआरएस नेता कविता, जो तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव की बेटी भी हैं, कविता को पिछले सप्ताह ‘साउथ ग्रुप’ का हिस्सा होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, जिसे कथित तौर पर आप सरकार द्वारा अब रद्द कर दी गई दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति से लाभ हुआ था। दिल्ली।

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साउथ ग्रुप के पार्टनर्स
ईडी का दावा है कि साउथ ग्रुप को स्थापित थोक व्यवसायों और कई खुदरा क्षेत्रों (नीति में अनुमति से अधिक) में निर्बाध पहुंच, अनुचित लाभ और सुरक्षित हिस्सेदारी मिली। ईडी के मुताबिक, इस साउथ ग्रुप के पार्टनर्स को इसके मालिक समीर महेंद्रू (इस मामले में एक अन्य आरोपी) की मिलीभगत से इंडोस्पिरिट में 65% हिस्सेदारी दी गई थी। ऐसा कथित तौर पर साउथ ग्रुप द्वारा दी गई रिश्वत वसूलने के लिए किया गया था। ईडी के अनुसार राघव मगुंटा, पी सरथ चंद्र रेड्डी, जो हैदराबाद स्थित अरबिंदो फार्मा के सह-संस्थापक भी हैं, को भी साउथ ग्रुप में भागीदार कहा जाता है।

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अदालत में ईडी के रिमांड नोट में कहा
बुच्ची बाबू, जो के कविता के सीए थे, ने ईडी को बताया है कि अरुण पिल्लई नीति निर्माण में विजय नायर के साथ काम कर रहे थे और नायर के कविता को फायदा पहुंचाने के लिए प्रावधान की पेशकश कर रहे थे। अदालत में ईडी के रिमांड नोट में कहा गया है कि नायर ने इसके लिए सिसौदिया और केजरीवाल के साथ काम किया। ईडी का कहना है कि बुची बाबू से प्राप्त व्हाट्सएप संदेशों से इसकी पुष्टि हुई है, जिसमें अधिसूचना जारी होने से दो दिन पहले उत्पाद शुल्क नीति के कुछ प्रावधान पाए गए थे। बाबू के बयान के मुताबिक नायर ने ये प्रावधान उन्हें और अरुण पिल्लई को भेजे।

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