Delhi Organ Racket: ऑर्गन ट्रांसप्लांट रैकेट का पर्दाफाश ; एक डॉक्टर समेत 7 लोगों को गिरफ्तार, जानें क्या है बांग्लादेश कनेक्शन

इस मामले का मास्टरमाइंड बांग्लादेशी है और मामले में डोनर और रिसीवर दोनों ही बांग्लादेश से हैं।

152

Delhi Organ Racket: समाचार एजेंसी एएनआई ने 09 जुलाई (मंगलवार) को बताया कि दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने एक मानव अंग प्रत्यारोपण (organ translplant) रैकेट का भंडाफोड़ करते हुए एक डॉक्टर सहित सात लोगों को गिरफ्तार किया है।

दिल्ली पुलिस कमिश्नर अमित गोयल के मुताबिक, इस मामले का मास्टरमाइंड बांग्लादेशी है और मामले में डोनर और रिसीवर दोनों ही बांग्लादेश से हैं। रैकेट में शामिल सभी लोगों के बांग्लादेश से जुड़े शाजिस होने का संदेह है।

यह भी पढ़ें- Delhi Politics: लोकसभा चुनाव में हार से कांग्रेस नेता नाराज, आम आदमी पार्टी पर लगाया आरोप

महिला डॉक्टर भी गिरफ्तार
डीसीपी गोयल ने एक बयान में कहा, “हमने रसेल नाम के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है, जो मरीजों और डोनर की व्यवस्था करता था और ट्रांसप्लांट में शामिल एक महिला डॉक्टर को भी गिरफ्तार किया गया है।” मामले में गिरफ्तार सात लोगों से पूछताछ अभी भी जारी है। 2019 से चल रहे ऑर्गन ट्रांसप्लांट रैकेट के बारे में गोयल ने कहा, “वे प्रत्येक प्रत्यारोपण के लिए 25-30 लाख रुपये लेते थे।” डीसीपी के अनुसार, जिस डॉक्टर को गिरफ्तार किया गया है, उसके दो या तीन अस्पतालों से संबंध हैं।

यह भी पढ़ें- PM Modi Russia Visit: दुनिया के लोग कहते हैं भारत बदल रहा है, पीएम मोदी ने रूस में भारतीय समुदाय को गिनाईं सरकार की उपलब्धियां

दाता और प्राप्तकर्ता रक्त संबंधी नहीं
डीसीपी गोयल ने कहा, “इस मामले में उसकी भूमिका यह थी कि वह अंग प्रत्यारोपण की सुविधा दे रही थी, जबकि उसे पता था कि दाता और प्राप्तकर्ता रक्त संबंधी नहीं थे, जिससे वह साजिश का हिस्सा बन गई।” भारत के मानव अंग प्रत्यारोपण अधिनियम (2014) के अनुसार, अंग दान केवल माता-पिता और भाई-बहन जैसे निकट रक्त संबंधियों से ही किया जा सकता है। कोई भी भारतीय जीवित दाता अपने अंगों को किसी विदेशी प्राप्तकर्ता को दान नहीं कर सकता है, जब तक कि वह प्राप्तकर्ता का करीबी रिश्तेदार न हो।

यह भी पढ़ें- Mumbai University: भारी बारिश के कारण मुंबई विश्वविद्यालय की सभी परीक्षाएं स्थगित, नई तारीखों की घोषणा जल्द

भारतीय मरीज अंग दान के लिए पात्र
साथ ही प्राप्तकर्ता के दूतावास के एक वरिष्ठ सदस्य को प्रत्यारोपण के लिए उनके और दाता के बीच संबंध को प्रमाणित करना होगा। इन मामलों पर भी तभी विचार किया जाता है जब कोई भारतीय मरीज अंग दान के लिए पात्र न हो।

यह वीडियो भी देखें-

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.