Delhi pollution: राष्ट्रीय राजधानी के वायु गुणवत्ता सूचकांक में आज सुधार (Improvement in Air Quality Index) हुआ है। इसको देखते हुए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (Air Quality Management Commission) (सीएक्यूएम ) ने राजधानी से ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (Graded Response Action Plan) (ग्रैप) तीन की पाबंदियां हटाने का फैसला (Removal of Grape III Restrictions) किया है।
प्रदूषण और कोहरे के बीच दो दिन पहले ग्रैप-3 की पाबंदियां लगाई गई थीं। अब स्थिति में सुधार के बाद सीएक्यूएम ने रविवार कओ पूरे दिल्ली- एनसीआर से ग्रैप-3 की पाबंदियों को हटा दिया है।
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एनसीआर से ग्रैप-3 हटा दिया गया
05 जनवरी (रविवार) को सीएक्यूएम ने बताया कि वायु गुणवत्ता सूचकांक में सुधार हुआ है। सुबह में दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 374 था, लेकिन शाम तक में यह घट कर 334 पर आ गया। मौसम की स्थिति को देखते हुए राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और एनसीआर से ग्रैप-3 हटा दिया गया है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, रविवार शाम को गुणवत्ता सूचकांक 334 था। वहीं, दिल्ली एनसीआर के अन्य शहरों में फरीदाबाद का एक्यूआई 188, गुरुग्राम का 278, गाजियाबाद का 260, ग्रेटर नोएडा का 184 और नोएडा का 242 था। सीएक्यूएम के मुताबिक अगले कुछ दिन तक राजधानी में हवा की गति बनी रहेगी, जिसके कारण प्रदूषण के स्तर में सुधार होगा। हालांकि ग्रेप एक और दो की पाबंदियां लागू रहेगी।
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आपातकालीन योजना
उल्लेखनीय है कि ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान एक आपातकालीन योजना है, जिसका मकसद दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण को कम करना है। यह योजना, दिल्ली के वायु गुणवत्ता सूचकांक के आधार पर लागू की जाती है। प्रदूषण के बढ़ने के साथ-साथ, ग्रेप के अलग-अलग चरण लागू किए जाते हैं। ग्रेप के तहत, प्रदूषण को कम करने के लिए कई तरह के उपाय किए जाते हैं, जिसमें आवासीय, व्यावसायिक, और औद्योगिक इकाइयों में डीज़ल जनरेटर पर रोक पार्किंग शुल्क बढ़ाना, सीएनजी-इलेक्ट्रिक बसों और मेट्रो की फ़्रीक्वेंसी बढ़ाना, लोगों से निजी वाहनों की जगह सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल करने की अपील, जनवरी तक धूल उत्पन्न करने वाले निर्माण कार्य न करना, खुले में लकड़ी या कूड़ा न जलाना शामिल है।
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13 एजेंसियों को एक साथ काम
ग्रेप को साल 2016 में सर्वोच्च न्यायालय ने स्वीकृति दी थी और साल 2017 में इसे अधिसूचित किया गया था। इस योजना को लागू करने के लिए, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, और राजस्थान की 13 एजेंसियों को एक साथ काम करना होता है।
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