दिल्ली दंगा : जेल में पिटाई का आरोप लगाने वाले शाहरुख पठान को राहत नहीं, न्यायालय ने दी इस बात की इजाजत

फरवरी, 2020 में हुई हिंसा में कम से कम 53 लोगों की मौत हो गई थी और दो सौ के करीब लोग घायल हुए थे।

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दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली दंगा मामले में एक पुलिसकर्मी पर रिवाल्वर तानने वाले शाहरुख पठान की जेल में अधिकारियों द्वारा पिटाई का आरोप लगाने वाली याचिका खारिज कर दी है। जस्टिस अमित शर्मा ने शाहरुख पठान को इस अर्जी के साथ ट्रायल कोर्ट में जाने की इजाजत दे दी।

शाहरुख पठान की ऐसी ही एक याचिका कड़कड़डूमा कोर्ट में लंबित है। पठान की ओर से पेश वकील खालिद अख्तर ने कहा कि कड़कड़डूमा कोर्ट ने उसकी याचिका पर सुनवाई की तिथि 28 फरवरी तय की है। कड़कड़डूमा कोर्ट ने सीसीटीवी फुटेज संरक्षित करने की उसकी मांग पर बिना कोई दिशा-निर्देश जारी किए ही 28 फरवरी को सुनवाई की तिथि तय कर दी। जेल में शाहरुख पठान को पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराने को लेकर भी कोई आदेश नहीं दिया गया। तब जस्टिस अमित शर्मा ने अख्तर से कहा कि आप ट्रायल कोर्ट में जल्द सुनवाई करने की अर्जी लगाइए। अगर उसके बाद भी कुछ नहीं होता तो आप हाई कोर्ट आइएगा।

आरोप तय
कड़कड़डूमा कोर्ट ने 24 दिसंबर, 2021 को आरोपितों के खिलाफ आरोप तय कर दिया था। कोर्ट ने हत्या की कोशिश, दंगा फैलाने और गैरकानूनी भीड़ का हिस्सा होने से संबंधित धाराओं के तहत आरोप तय किये थे। कोर्ट ने शाहरुख पठान के अलावा सलमान, गुलफाम, आतिर और ओसामा के खिलाफ आरोप तय किये थे। सुनवाई के दौरान सभी आरोपितों ने अपने को निर्दोष बताते हुए ट्रायल का सामना करने की बात कही।

घर से बरामद हुई थी रिवाल्वर
शाहरुख पठान को उत्तर प्रदेश के शामली से 3 मार्च, 2020 को गिरफ्तार किया गया था। दिल्ली पुलिस ने उसकी रिवाल्वर उसके घर से ही बरामद की थी। पुलिस ने उसके घर से तीन कारतूस भी बरामद किए थे। दिल्ली पुलिस ने शाहरुख पठान का मोबाइल फोन भी बरामद किया था। दिल्ली हिंसा के दौरान शाहरुख पठान का हेड कांस्टेबल दीपक दहिया पर रिवाल्वर तानने वाला फोटो भी काफी वायरल हुआ था।

53 लोगों की हुई थी मौत
फरवरी, 2020 में हुई हिंसा में कम से कम 53 लोगों की मौत हो गई थी और दो सौ के करीब लोग घायल हुए थे।

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