दिल्ली उच्च न्यायालय 21 जुलाई को दिल्ली हिंसा की साजिश रचने के आरोपित मीरान हैदर की जमानत याचिका पर सुनवाई करेगा। जस्टिस मुक्ता गुप्ता की बेंच मामले की सुनवाई करेगी।
20 मई को कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया था। सुनवाई के दौरान स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्युटर अमित प्रसाद ने कहा था कि मीरान हैदर की जमानत याचिका को इस मामले से जुड़े दूसरे मामलों के साथ टैग कर दूसरी बेंच को भेज देना चाहिए। उन्होंने कहा था कि जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल की अध्यक्षता वाली बेंच इसी मामले से जुड़े दूसरे आरोपी उमर खालिद की जमानत याचिका पर सुनवाई कर रही है। तब कोर्ट ने कहा था कि उमर खालिद की याचिका इसलिए दूसरी बेंच को भेजी गई क्योंकि वो बेंच उस पर पहले से सुनवाई कर रही थी।
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फ्लैश बैक
-5 अप्रैल को कड़कड़डूमा कोर्ट ने मीरान हैदर की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। मीरान हैदर के खिलाफ दिल्ली हिंसा से जुड़े मामले में यूएपीए के तहत एफआईआर दर्ज किया गया है। मीरान हैदर के खिलाफ यूएपीए की धाराओं 13, 16, 17, 18 और आर्म्स एक्ट की धारा 25 और 27 और प्रिवेंशन ऑफ डैमेज टू पब्लिक प्रोपर्टी की धारा 3 और 4 के तहत आरोप लगाए गए हैं।
-इस मामले में जिन लोगों को आरोपी बनाया गया है उनमें सफूरा जरगर, ताहिर हुसैन, उमर खालिद, खालिद सैफी, इशरत जहां, मीरान हैदर, गुलफिशा, शफा उर रहमान, आसिफ इकबाल तान्हा, शादाब अहमद, तसलीम अहमद, सलीम मलिक, मोहम्मद सलीम खान, अतहर खान, शरजील इमाम, फैजान खान, नताशा नरवाल और देवांगन कलीता शामिल हैं। इनमें पांच आरोपितों इशरत जहां, सफूरा जरगर, आसिफ इकबाल तान्हा, देवांगन कलीता और नताशा नरवाल को जमानत मिल चुकी है।
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