Delhi Water Crisis: दिल्ली (Delhi) को 36.7 प्रतिशत पानी उपलब्ध कराने वाली मूनक नहर (Munak Canal) की उप शाखा कैरियर लाइन चैनल (Carrier Line Channel) (सीएलसी) के टूट जाने से दिल्ली के कई इलाकों में जल भराव हो गया है। साथ ही पीने के पानी का संकट भी गहरा गया है।
पक्की नहर, कच्चा रखरखाव
दिल्ली की लाइफ लाइन मूनक नहर पक्की नहर है। लेकिन इसके तत्वों के टूट जाने से इसके रखरखाव पर प्रश्न खड़े होते हैं। नहर के कुछ हिस्सों से कई दिनों से रिसाव हो रहा था। जिसकी जानकारी स्थानीय लोगों ने दिल्ली जल बोर्ड को दी थी ।लेकिन ध्यान नहीं दिया गया।।
यह भी पढ़ें- Emergency: मोदी सरकार ने 25 जून को ‘संविधान हत्या दिवस’ के रूप में मनाने का किया फैसला
सांसद ने कहा, जल बोर्ड व विधायक की है लापरवाही
पश्चिमी दिल्ली के सांसद योगेंद्र चंदोलिया ने कहा है कि स्थानीय लोगों ने बताया कि कई दिनों से हो रहे रिसाव की शिकायत जल बोर्ड के साथ ही बवाना के विधायक जय भगवान उपकार से भी की गई थी। उन्होंने इसे गंभीरता से नहीं लिया इस लापरवाही से तटबंध टूट गया। 102 किलोमीटर लंबी पक्की नहर का निर्माण वर्ष 2003 से 2012 के बीच किया गया था। वर्ष 2016 में जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान नहर को क्षतिग्रस्त कर दिया गया था जिसके कारण पानी की आपूर्ति बाधित हो गई थी।
तटबंध टूटने की जांच जरूरी
दिल्ली की आप सरकार की जल मंत्री आतिशी ने नहर से पानी के रिसाव से इनकार किया है। बुधवार देर रात तक बंद टूटने से जहां जेजे कॉलोनी में बड़ी संख्या में लोगों का सामान बर्बाद हो गया वहीं पहले नहर टूटने और उसके बाद इसकी मरम्मत के लिए हरियाणा से छोड़े जाने वाला पानी रोके जाने से दिल्ली के जल संशोधन संयंत्रों को पर्याप्त पानी नहीं मिल रहा है।जैसा कि स्थानीय लोगों का कहना है कि
यह भी पढ़ें- Delhi Liquor Scam Case: मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अरविंद केजरीवाल की बढ़ी न्यायिक हिरासत
तत्काल मरम्मत क्यों नहीं कराई?
दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों को इसकी जानकारी दी गई थी तो यह जांच का विषय है कि उन्होंने आगे दिल्ली की जल मंत्री को सूचित क्यों नहीं किया और हरियाणा के सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग को इसकी जानकारी देकर तत्काल मरम्मत क्यों नहीं कराई गई? इसकी जांच की जानी चाहिए और यदि आरोप सही पाए गए तो दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
यह वीडियो भी देखें-
Join Our WhatsApp Community