दिल्ली में जलस्तर का 45 साल पुराना रिकॉर्ड टूट गया है। इस समय यमुना नदी पूरे उफान पर है। दिल्ली में यमुना नदी में पानी का स्तर खतरे के निशान से ऊपर बहते हुए 207.55 मीटर पहुंच गया है। तटबंध टूटने से गढ़ी मांडू गांव डूबा, जैतपुर और मीठापुर भी डूबने के कगार पर है। यमुना का पानी निचले इलाकों को पूरी तरह से अपने कब्जे में ले चुका है। यमुना में 1978 में जलस्तर सर्वाधिक था, जोकि 207.49 के करीब था। यमुना में बाढ़ के दौरान राहत और बचाव कार्य के लिए 45 नावें तैनात की गई हैं। यमुना के जल स्तर में लगातार हो रही वृद्धि के कारण निचले इलाकों में बाढ़ की स्थिति भयावह होती जा रही है।
दिल्ली पुलिस ने एहतियात के तौर पर दिल्ली के बाढ़ग्रस्त इलाकों में सीआरपीसी की धारा 144 लागू कर दी है। जानकारी के अनुसार लाल किला के पास पुराने लोहे के पुल से रेल और वाहनों का परिचालन रोक दिया गया है। गीता कॉलोनी, पुराना लोहापुल व वजीराबाद रोड और सिग्नेचर ब्रिज पर भी सिविल डिफेंस वॉलंटियर तैनात किए गए हैं, ताकि वहां पर लोगों की भीड़ जमा न हो। अभी रिहायशी क्षेत्र में पानी पहुंचने की संभावना नहीं है। पूर्वी दिल्ली में खेल गांव के पास खादर में जलस्तर बढ़ने से फंसे 60 लोगों का सुरक्षित निकाला गया। इसमें महिलाएं, बच्चे और बुजुर्गों का समावेश था ।
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