Dengue: मलेरिया से भी खतरनाक है डेंगू का दंश, जानने के लिए पढ़ें

भारत की बात की जाए तो देश के लगभग हर प्रदेश में डेंगू के नित नए केस सामने आ रहे हैं।

115

-डॉ. राजेन्द्र प्रसाद शर्मा

Dengue: भारत (India) सहित दुनिया के देशों में डेंगू का प्रकोप (Dengue outbreak) तेजी से बढ़ता जा रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) सहित दुनिया के देश डेंगू (Dengue) को लेकर अब गंभीर हो गए हैं। इसका बड़ा कारण है कि दुनिया के 130 देश डेंगू की जद में आ चुके हैं। ऐसा माना जा रहा है कि इस समय 4 अरब लोग डेंगू से प्रभावित हो रहे हैं और 2050 तक यह आंकड़ा पांच अरब को पार कर जाएगा।

भारत की बात की जाए तो देश के लगभग हर प्रदेश में डेंगू के नित नए केस सामने आ रहे हैं। भले यह माना जाता हो कि डेंगू के कारण मौत की दर बहुत कम है और सामान्यतः डेंगू सामान्य पैरासिटामोल व डॉक्टरों की सलाह के अनुसार पेय पदार्थ एलोरा जूस आदि लेने से ठीक हो सकता है।

यह भी पढ़ें- BJP 1st Candidate List: भाजपा ने 99 उम्मीदवारों की पहली सूची की जारी, इन 13 महिलाओं को मिला मौका

ब्लडप्रेशर को नियंत्रित रखना जरूरी
सामान्यतः यह माना जाता है कि डेंगू के कारण तेजी से प्लेटरेट में कमी आती है पर विशेषज्ञों का मानना है कि प्लेटरेट से भी ज्यादा गंभीर होता है ब्लड प्रेशर में कमी आना है। प्लेटरेट के साथ ब्लडप्रेशर को नियंत्रित रखना जरूरी हो जाता है। यह ध्यान रखना अधिक जरूरी हो जाता है कि ब्लड प्रेशर लो नहीं होना चाहिए। डेंगू का असर सीधे लीवर पर पड़ता है और ब्लड के अंतःस्राव की समस्या हो जाती है। जो अपने आप में गंभीर होती है। उल्टी होने से डिहाईड्रेशन की समस्या अधिक गंभीर हो जाती है। समस्या यह है कि डेंगू का तीन-चार दिनों बाद पता चलता है। इसलिए सावधानी सबसे बड़ी जरूरी हो जाती है।

यह भी पढ़ें- Bomb Threat: इंडिगो की पुणे-जोधपुर फ्लाइट में बम की धमकी, मचा हड़कंप

निपटने की तैयारी
डेंगू के लगातार बढ़ते प्रकोप के बीच दुनिया के विभिन्न देश इससे जूझने की व्यापक तैयारियां कर रहे हैं। इंडोनेशिया में ड्रोन से सर्वे कर मच्छरों के लार्वा की खोज करके नष्ट करने का यह परिणाम रहा है कि डेंगू के मामलों में 70 प्रतिशत तक कमी आई है। इसी तरह डेंगू से बचाव के लिए डेंगू मच्छर का खात्मा करने वाले एंटीडेंगू मच्छर को दुनिया के करीब 14 देशों में छोड़े जाने का निर्णय किया गया है। वैज्ञानिकों द्वारा प्रयोगशाला में एंटीडेंगू मच्छर का सफल प्रयोग किया जा चुका है और ब्राजील में बड़ा केन्द्र बनाते हुए बोल्वाशिया मच्छर का उत्पादन आरंभ कर दिया गया है। हालांकि किन 14 देशों में एंटी डेंगू मच्छरों को छोड़ा जाएगा यह निर्णय विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा अभी किया जाना है। पर एक बात साफ हो चुकी है कि डेंगू पर समय रहते रोक अभियान चलाया जाना आवश्यक है क्योंकि डेंगू अब किसी देेश की सीमा में बंधा नहीं रह गया है।

यह भी पढ़ें- PM Modi in Varanasi: प्रधानमंत्री मोदी ने आरजे शंकर नेत्र अस्पताल का किया उद्घाटन, इन विकास परियोजनाओं की रखी आधारशिला

डब्ल्यूएचओ और सरकार तिंति
देश-दुनिया की सरकारों और विश्व स्वास्थ्य संगठन के सामने डेंगू बड़ी चुनौती बनकर उभरा है। डेंगू की गंभीरता को देखते हुए ही गैर सरकारी वर्ल्ड मास्कीटों प्रोग्राम के तहत एंटीडेंगू मच्छर विकसित किया गया है। 2023 में इंडोनेशिया में इनका प्रयोग किया जा चुका है और इनके प्रभाव से 95 प्रतिशत तक सकारात्मक प्रभाव देखा गया है। 2011 में आस्ट्रेलिया के क्वींसलैंड में लगातार चार बरसाती सीजन में एंटीडेंगू मच्छर का प्रयोग किया गया और दावा किया गया कि वहां चार बरसातों में एक भी डेंगू का मामला सामने नहीं आया। इन मंच्छर में एक बैक्टिरिया वोल्वाशिया पापीएंटिस डाला गया है। वैज्ञानिकों का दावा है कि इससे बीमारी वाले मच्छरों को वायरस फैलाने से रोकने में सफल होंगे। अब तक के परीक्षणों में यह खरे भी उतरे हैं।

यह भी पढ़ें- BJP 1st Candidate List: भाजपा ने 99 उम्मीदवारों की पहली सूची की जारी, मुंबई के ये 14 सीटों भी शामिल

जमा पानी और गंदगी कारण
डेंगू एडीज एजिप्टी प्रजाति की मादा मच्छर के कारण बरसात के दिनों में तेजी से फैलता है। जमा पानी और गंदगी आदि में डेंगू मच्छर तेजी से बढ़ते हैं। जुलाई से सितंबर, अक्टूबर तक डेंगू का प्रकोप अधिक रहता है। शुरुआती दो-तीन दिन तक तो जांच में पता ही नहीं चलता है। डेंगू में 3 से 7 दिन अधिक गंभीर होते हैं। प्लेटरेट्स में तेजी से गिरावट होती है। डेंगू के कारण मौत तुलनात्मक रूप से कम है पर डेंगू का प्रभाव क्षेत्र लगातार बढ़ रहा है। ऐसे मेें एंटीडेंगू मच्छर शुभ संकेत माने जा सकते हैं। डेंगू के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए देश में ड्रोन का प्रयोग अधिक उपयोगी सिद्ध हो सकता है। इंदौर में डेंगू मच्छरों को नष्ट करने के लिए ड्रोन के उपयोग का निर्णय किया गया है। देश के अन्य हिस्सों में भी ड्रोन का उपयोग किया जाने लगा है। ऐसे में डेंगू के प्रकोप को चुनौती के रूप में लेते हुए सरकार को ठोस प्रयास करने होंगे।

यह वीडियो भी देखें-

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.