धनकुबेर इत्र कारोबारी पीयूष जैन की आज जेल से रिहाई नहीं हो पायी। परवाने में त्रुटि होने की वजह से जेल वापस भेजा गया। परवाने में सुधार के बाद 8 सितंबर दोपहर तक रिहाई हो सकती है। 197 करोड़ नगद और विदेशी सोना बरामदगी मामले में जमानत मिल चुकी है। लेकिन परवान में खामी होने की वजह से पीयूष जैन के परिजन मायूस होकर घर चले गए। वह 253 दिन से कानपुर जेल में बन्द है।
इत्र कारोबारी पीयूष जैन 253 दिन बाद आज कानपुर जेल से बाहर नहीं निकल सके। 10-10 लाख के पर्सनल बॉन्ड का बैंक से वेरिफिकेशन पूरा हो गया है। इसके बाद न्यायालय से परवाना कानपुर जेल भेजा गया है। कानपुर जेल में रिहाई से संबधित फॉर्मेलिटी को पूरा किया जा रहा है। पीयूष जैन के वकील पीयूष शुक्ला ने इसकी जानकारी दी है। वकील पीयूष शुक्ला ने बताया कि कोर्ट द्वारा रिहाई में देरी के संबंध में मंगलवार को एप्लीकेशन दी गई थी। इसके बाद हाईकोर्ट ने मामले में न्यायालय को फौरन रिहा करने का आदेश जारी किए है।
कानपुर के आनंदपुरी निवास और कन्नौज से 196 करोड़ रुपये कैश और 23 किलो गोल्ड बरामद किया था। जीएसटी चोरी और गोल्ड तस्करी मामले में पीयूष जैन पर एफआईआर चोरी दर्ज की गई थी। इन दोनों ही मामलों में पीयूष जैन को हाईकोर्ट से जमानत मिल चुकी है।
पीयूष जैन के वकील पीयूष शुक्ला ने बताया कि 8 सितंबर को बैंक से वैरिफिकेशन रिपोर्ट आ जाएगी। दोपहर 3 बजे तक बॉन्ड का वैरिफिकेशन कर लेगा। इसके बाद कानपुर जेल को रिहाई का परवाना जारी कर दिया जाएगा। 7 सितंबर की शाम को जब परवाना पहुंचा तो उसमें खामी होने की वजह से पीयूष जैन जेल से बाहर नहीं निकल सके।
गौरतलब है कि डीजीजीआई ने कानपुर के आनंदपुर निवासी पीयूष जैन के निवास और कन्नौज में एक साथ 23 दिसंबर को छापेमारी के दौरान करोड़ों का कैश मिला था।
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जमा की गई 1 करोड़ की बैंक गारंटी
पीयूष शुक्ला ने बताया कि 23 किलो गोल्ड मामले में 27 जुलाई को हाईकोर्ट से जमानत मिल चुकी है। हाईकोर्ट के आदेश पर पीयूष जैन ने एक करोड़ रुपये की बैंक गारंटी डीआरआई लखनऊ ऑफिस में जमा करा दी गई है। इस मामले में जमानत की प्रक्रिया को पूरा कर लिया गया है। 196 करोड़ कैश मामले में वैरिफिकेशन रिपोर्ट आते ही कानपुर जेल को रिहाई का परवाना भेज दिया जाएगा। इत्र कारोबारी पर दो मुकदमों की सुनवाई चल रही है। फॉरेन गोल्ड तस्करी मामले की जांच निदेशालय रेवेन्यू इंटेलिजेंस ने की और चार्जशीट लगाई, जबकि रुपये बरामदगी मामले में डीजीजीआई ने चार्जशीट लगाई है। गोल्ड मामले में पीयूष को पहले ही हाईकोर्ट से जमानत मिल चुकी है। इस मामले में उसकी रिहाई आदेश भी कानपुर जिला कारागार पहुंच चुका है। लेकिन परवाने में खामी होने की वजह उसकी आज भी रिहाई नहीं हो सकी। परिवर के लोग मायूस होकर घर चले गए।