Dhar Bhojshala: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के धार (Dhar) में भोजशाला विवाद मामले (Bhojshala dispute case) को चीफ जस्टिस की बेंच (Chief Justice’s bench) के पास सुनवाई के लिए भेज दिया है। जस्टिस हृषिकेश राय (Justice Hrishikesh Rai) की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट के मामले पर चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली बेंच सुनवाई कर रही है, इसलिए इस मामले पर भी वही बेंच सुनवाई करे।
इसके पहले सुप्रीम कोर्ट ने भोजशाला परिसर के एएसआई सर्वे पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। हालांकि, जस्टिस ऋषिकेश राय की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा था कि भोजशाला में किसी प्रकार की खुदाई नहीं की जाएगी। कोर्ट ने कहा था कि एएसआई के सर्वे के बाद सुप्रीम कोर्ट की अनुमति के बिना कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी।
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1034 में राजा भोज ने संस्कृत की पढ़ाई के लिए बनवाया
सुप्रीम कोर्ट में मौलाना कमालुद्दीन वेलफेयर सोसाइटी ने याचिका दाखिल कर सर्वे से जुड़े मध्यप्रदेश हाई कोर्ट की इंदौर बेंच के आदेश पर रोक की मांग की थी। इस मामले में हिंदू संगठनों के मुताबिक धार स्थित कमाल मौलाना मस्जिद दरअसल मां सरस्वती मंदिर भोजशाला है, जिसे सन 1034 में राजा भोज ने संस्कृत की पढ़ाई के लिए बनवाया था।
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वैज्ञानिक सर्वेक्षण के लिए अर्जी दायर
इसी परिसर के वैज्ञानिक सर्वेक्षण के लिए हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस ने हाईकोर्ट में अर्जी दायर की थी, जिस पर पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट की इंदौर बेंच ने एएसआई को वैज्ञानिक सर्वे करने का आदेश दिया था।
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