केंद्रीय शिक्षा और कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री धर्मेंद्र प्रधान (Dharmendra Pradhan) ने 17 अक्टूबर को नई दिल्ली में वेब पोर्टल ‘अपना चंद्रयान’ (Apna Chandrayaan) लॉन्च किया, जिसमें मिशन चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) पर स्कूली छात्रों के लिए गतिविधि-आधारित सहायता सामग्री जैसे कि क्विज़, पहेलियां आदि उपलब्ध हैं। इसे शिक्षा मंत्रालय के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग (डीओएसईएल) के तत्वावधान में एनसीईआरटी द्वारा विकसित किया गया है। उन्होंने चंद्रयान-3 पर 10 विशेष मॉड्यूल भी जारी किए, जो इसके विभिन्न पहलुओं के बारे में व्यापक रूप से बताते हैं – जिसमें वैज्ञानिक, तकनीकी और सामाजिक पहलुओं के साथ-साथ इस मिशन में शामिल वैज्ञानिकों की भावनात्मक यात्रा और टीम भावना के बारे में भी बताया गया है।
21वीं सदी की सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धियों में से एक
कार्यक्रम को संबोधित करते प्रधान ने चंद्रयान-3 की सफलता को 21वीं सदी की सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धियों में से एक बताया, जिसने देश के बच्चों को सबसे अधिक प्रेरित किया है। उन्होंने छात्रों के बीच स्व-शिक्षा की सुविधा प्रदान करने और उसे अधिक सुलभ बनाने के लिए इस वेब पोर्टल का एपीपी विकसित करने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि चंद्रयान-3 ने छात्रों में आत्मविश्वास जगाया है और उन्हें प्रौद्योगिकी को समझने के लिए प्रेरित किया है, जिससे उनमें वैज्ञानिक चेतना विकसित करने में मदद मिलेगी।
विज्ञान को मनोरंजक बनाने का आग्रह
उन्होंने छात्रों को प्रेरित करने और उन्हें आत्मविश्वास से लैस करने के लिए डॉ. सोमनाथ को धन्यवाद दिया। उन्होंने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने डॉ. सोमनाथ से चंद्रयान 3 की कहानियों को देश के बच्चों तक पहुंचाने का अनुरोध किया है। उन्होंने प्रधानमंत्री द्वारा डॉ. सोमनाथ को सौंपे गए कार्यों के बारे में भी विस्तार से बताया, जिसमें कक्षीय अंतरिक्ष केन्द्र की स्थापना, अगली पीढ़ी के प्रक्षेपण वाहनों का विकास आदि शामिल हैं। उन्होंने उनसे छात्रों के लिए विज्ञान को मनोरंजक बनाने का भी आग्रह किया।
विश्व गुरु बनेगा भारत
प्रधान ने आज शुरू किए गए मॉड्यूल को सभी कक्षाओं के लिए वैकल्पिक बनाने का भी सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि महिला सशक्तिकरण, कोविड-19 टीकाकरण, जी20 की भारत की अध्यक्षता आदि सहित 14 विभिन्न विषयों पर और भी मॉड्यूल तैयार किए जायेंगे। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत वैश्विक कल्याण के लिए ज्ञान साझा करने वाला विश्व गुरु बनेगा।
आत्मनिर्भर भारत की शक्ति को भी दर्शाता है चंद्रयान 3
प्रधान ने कहा कि चंद्रयान 3 आत्मनिर्भर भारत की शक्ति को भी दर्शाता है। उन्होंने अंतरिक्ष नीति को संशोधित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रति आभार व्यक्त किया। इस नीति ने देश को आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ाया है। उन्होंने एनसीईआरटी को ऐसी सामाजिक कहानियों को सामने लाने का सुझाव दिया जो शिक्षा को सुलभ, किफायती, गुणात्मक बनाए तथा लैंगिक समानता लाए। उन्होंने उनसे ऐसा करने में इसरो जैसे संगठनों के साथ सहयोग करने का अनुरोध किया।
आलोचनात्मक सोच को अपनाकर शोधकर्ता बने युवा
डॉ. सोमनाथ ने चंद्रयान की कहानियों को देश के युवा छात्रों तक ले जाने की पहल के लिए धर्मेंद्र प्रधान को धन्यवाद दिया। बच्चों को संबोधित करते हुए, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत ने स्वदेशी प्रौद्योगिकियों का उपयोग करके चंद्रयान 3 मिशन को पूरा किया। उन्होंने छात्रों से 21 अक्टूबर 2023 को सुबह 08.00 बजे गगनयान के प्रक्षेपण को देखने का अनुरोध किया। उन्होंने युवा प्रतिभाओं को आलोचनात्मक सोच को अपनाकर शोधकर्ता बनने के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम में चंद्रयान-3 की यात्रा पर एक लघु फिल्म दिखाई गई। फोटो फ्रेम के रूप में छात्रों द्वारा रचनात्मक अभिव्यक्तियां मुख्य अतिथि और विशिष्ट अतिथि को प्रस्तुत की गईं और चंद्रयान-3 पर छात्रों द्वारा कविता पाठ किया गया।
यह भी पढ़ें – Assembly elections: देर रात तक चली भाजपा कोर ग्रुप की बैठक, जल्द होगी उम्मीदवारों की घोषणा
Join Our WhatsApp Community