Disha Salian: दिशा सालियान मामले में नितेश राणे का हल्लाबोल, जानें आदित्य ठाकरे को लेकर की यह मांग

इस याचिका में दिशा के साथ सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के गंभीर आरोप लगाए गए हैं, जिसमें आदित्य ठाकरे और पूर्व मेयर किशोरी पेडनेकर पर भी आरोप शामिल हैं।

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Disha Salian: दिशा सालियान मौत मामला (Disha Salian death case) एक बार फिर राजनीतिक गलियारों में गरमा गया है और भाजपा नेता व मंत्री नितेश राणे (Nitesh Rane) ने शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) गुट Shiv Sena (Uddhav Balasaheb Thackeray) faction के नेता आदित्य ठाकरे (Aditya Thackeray) पर सीधा हमला बोला है। दिशा सालियान के पिता द्वारा बॉम्बे हाईकोर्ट में दायर याचिका के बाद यह मामला फिर से सुर्खियों में आ गया है।

इस याचिका में दिशा के साथ सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के गंभीर आरोप लगाए गए हैं, जिसमें आदित्य ठाकरे और पूर्व मेयर किशोरी पेडनेकर पर भी आरोप शामिल हैं। इस पृष्ठभूमि में नितेश राणे ने आक्रामक रुख अपनाते हुए आदित्य ठाकरे की गिरफ्तारी और जांच की मांग की है।

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नितेश राणे का सवाल: क्या हमें छिप जाना चाहिए?
नितेश राणे ने इस मामले को लेकर ठाकरे गुट को दुविधा में फंसाने की कोशिश की। उन्होंने कहा, “यह बहुत ही सीधा-सादा मामला है। अगर यह आत्महत्या थी, तो 8 जून 2020 से इतनी भागदौड़ क्यों हो रही है? क्यों लीपापोती हो रही है? आदित्य ठाकरे को इससे क्यों बचाना है? अगर उनका इससे कोई लेना-देना नहीं है, तो फिर वे इतना संघर्ष क्यों कर रहे हैं?” उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का हवाला देते हुए कहा, “सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा है कि अगर बलात्कार का आरोप है तो सबसे पहले उस व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज होना चाहिए और कार्रवाई होनी चाहिए। इसी नियम के मुताबिक आदित्य ठाकरे के खिलाफ भी मामला दर्ज होना चाहिए और उन्हें गिरफ्तार कर पूछताछ करनी चाहिए। जिस न्याय की उम्मीद दूसरे लोग करते हैं, वही न्याय ठाकरे पर भी लागू होना चाहिए।”

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याचिका में गंभीर आरोप
दिशा सालियान के पिता सतीश सालियान ने मुंबई उच्च न्यायालय में दायर याचिका में आदित्य ठाकरे, किशोरी पेडनेकर और अन्य पर सामूहिक बलात्कार और हत्या का आरोप लगाया है। याचिका में दावा किया गया है कि दिशा सालियान की मौत के बाद, ठाकरे समूह के दबाव के कारण मालवणी पुलिस ने झूठी रिपोर्ट तैयार करके सबूत नष्ट करने की कोशिश की। याचिका में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से स्वतंत्र जांच की भी मांग की गई है। इन आरोपों ने ठाकरे समूह पर भारी दबाव डाला है और भाजपा ने इस मुद्दे को उठाकर अपना राजनीतिक हमला तेज कर दिया है।

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नितेश राणे का ठाकरे गुट पर पलटवार
शिवसेना (उभयपक्ष) नेता संजय राउत ने हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस मुद्दे पर भाजपा की आलोचना की थी। अपनी आलोचना का जवाब देते हुए नितेश राणे ने कहा, “संजय राउत और ठाकरे समूह सच्चाई के सामने आने से डरते हैं। इसलिए वे वास्तविक आपत्तियाँ उठा रहे हैं। लेकिन अब कानून अपना काम करेगा। जो लोग आरोपी हैं, उनके खिलाफ़ कार्रवाई होनी चाहिए। किसी को भी विशेष रियायत नहीं मिलनी चाहिए।” राणे ने इस मामले को चुनाव के समय की राजनीति से जोड़े जाने की संभावना को भी खारिज कर दिया और दावा किया कि यह मामला “पूरी तरह से सत्य और न्याय के लिए है।”

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राजनीतिक घटनाक्रम में तेजी
इस मामले ने महाराष्ट्र की राजनीति में नया विवाद खड़ा कर दिया है। एक तरफ, महागठबंधन सरकार में शामिल भाजपा और शिंदे गुट को ठाकरे गुट को फंसाने का मौका मिल गया है, वहीं दूसरी तरफ ठाकरे गुट के सामने इन आरोपों का खंडन कर अपनी छवि बनाए रखने की चुनौती है। नितेश राणे इससे पहले दिशा सालियान मामले में आदित्य ठाकरे पर कई आरोप लगा चुके हैं और अब इस याचिका के चलते उनका हमला और तेज हो गया है। उन्होंने तत्कालीन ठाकरे सरकार पर इस मामले में सबूत दबाने का भी आरोप लगाया है।

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न्यायालय का निर्णय और अगले कदम
दिशा सालियान के पिता द्वारा बॉम्बे हाईकोर्ट में दायर याचिका पर आज (20 मार्च) सुनवाई होने की संभावना है। चूंकि इस याचिका में ठाकरे गुट के नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं, इसलिए सबकी नजर इस बात पर है कि कोर्ट क्या फैसला लेगा। नितेश राणे ने इस मामले में तत्काल कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा, “जनता को पता चलना चाहिए कि आदित्य ठाकरे को बचाने की कोशिश क्यों की जा रही है।”

दिशा सालियान मामले ने एक बार फिर महाराष्ट्र की राजनीति में भूचाल ला दिया है। नितेश राणे की आक्रामक मांगों और याचिका में गंभीर आरोपों के कारण यह मामला अब न्यायिक और राजनीतिक लड़ाई का नया केंद्र बन गया है। आने वाले दिनों में यह स्पष्ट हो जाएगा कि ठाकरे गुट इन आरोपों का किस तरह खंडन करेगा और भाजपा इससे किस तरह राजनीतिक लाभ उठाएगी। इस बीच, इस मामले को लेकर राज्य में राजनीतिक माहौल गरमा गया है और लोगों की निगाहें अब अदालत के फैसले पर टिकी हैं।

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