Maharashtra: एचएमपीवी वायरस कितना खतरनाक? प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री ने दी जानकारी

फिलहाल सोशल मीडिया पर चीन में सांस की बीमारी वाले वायरस के बारे में जानकारी दी जा रही है। चीन में सर्दियों के मौसम के कारण श्वसन संक्रमण में वृद्धि अस्वाभाविक नहीं है।

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Maharashtra में एचएमपीवी बीमारी का नागपुर में मरीज मिलने के बाद 7 जनवरी को हुई कैबिनेट बैठक में इस बीमारी पर प्रेजेंटेशन दिया गया। इसके बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्वास्थ्य मंत्री प्रकाश अबितकर और मेडिकल शिक्षा मंत्री हसन मुश्रीफ ने इस बीमारी के बारे में जानकारी दी।

फिलहाल सोशल मीडिया पर चीन में सांस की बीमारी वाले वायरस के बारे में जानकारी दी जा रही है। चीन में सर्दियों के मौसम के कारण श्वसन संक्रमण में वृद्धि अस्वाभाविक नहीं है। इन्फ्लुएंजा, आरएसवी, एचएमपीवी (ह्यूमन मेटा न्यूमो वायरस) जैसे वायरस इसका कारण बनते हैं। यह वायरस भारत समेत दुनिया भर में फैला हुआ है। एचएमपीवी कोई नया श्वसन वायरस नहीं है, बल्कि एक वायरस जो 2001 से अस्तित्व में है, अन्य वायरस की तरह ही है, जो सर्दियों में प्रभावी हो जाता है।

सर्दी, खांसी जैसे लक्षणों वाली हल्की बीमारी
एचएमपीवी – यह आमतौर पर सर्दी, खांसी जैसे लक्षणों वाली हल्की बीमारी है। बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों को इस बीमारी का खतरा अधिक हो सकता है। यह एक मौसमी बीमारी है, जो आमतौर पर आरएसवी और फ्लू की तरह सर्दियों में होती है। फिलहाल भारत में श्वसन संक्रमण में कोई वृद्धि नहीं हुई है और इस समय चिंता का कोई कारण नहीं है।

लक्षणानुसार इलाज
इस रोग का लक्षणानुसार इलाज किया जाता है। इस बीमारी के लिए एंटीबायोटिक्स अनावश्यक हैं और कोई टीका या प्रभावी एंटीवायरल दवा नहीं है। इसलिए डॉक्टर की सलाह के बिना दवा (सेल्फ मेडिकेशन) नहीं लेनी चाहिए।

सावधानी बरतने का निर्देश
इस पृष्ठभूमि में महाराष्ट्र के जन स्वास्थ्य विभाग ने भी सभी जिलों को एहतियात के तौर पर सावधानी बरतने का निर्देश दिया है। इसके अलावा सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से श्वसन संक्रमण को रोकने के लिए बुनियादी स्वच्छता नियमों का पालन करने की अपील की है।

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श्वसन संक्रमण को रोकने के लिए नागरिकों को निम्नलिखित सावधानियां बरतनी चाहिए;

क्या करें:

-खांसते या छींकते समय अपने मुंह और नाक को रुमाल या टिशू पेपर से ढक लें।

-अपने हाथ बार-बार धोएं।

-यदि आपको बुखार, खांसी और छींक आ रही है तो सार्वजनिक स्थानों से दूर रहें।

-खूब पानी पियें और पौष्टिक भोजन करें।

क्या नहीं करना है:

-हैंडशेक टिशू पेपर और नैपकिन को रीसायकल करें।

-बीमार लोगों के साथ निकट संपर्क।

आंख, नाक और मुंह को बार-बार छूना।

सार्वजनिक स्थान पर थूकना।

डॉक्टर की सलाह के बिना दवा (स्वयं दवा) लेना।

सर्दी-खांसी होने पर भीड़-भाड़ वाली जगहों पर न जाएं।

महाराष्ट्र सरकार का सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, नई दिल्ली के समन्वय कर स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहा है।

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