भारतीय उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने गुरुवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटने के बाद श्यामा प्रसाद मुखर्जी के एक विधान, एक प्रधान और एक निशान का सपना साकार हो गया। जम्मू विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि हम आज खुश हैं कि अब अनुच्छेद 370 जम्मू कश्मीर से समाप्त हो चुका है। उन्होंने कहा कि आज डॉ. मुखर्जी का सपना- एक मुल्क में दोउ निशान, दोउ प्रधान नहीं चलेंगे, पूरा हो गया है। जम्मू-कश्मीर के पूर्ण एकीकरण के साथ कश्मीर से कन्याकुमारी तक एक विधान, एक प्रधान और एक निशान है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय संविधान के निर्माता डॉ. बीआर अंबेडकर ने अनुच्छेद 370 का मसौदा तैयार करने से इनकार कर दिया था, क्योंकि उनके पास एक महान दृष्टिकोण था।
हो रहा चहुंओर विकास
उपराष्ट्रपति ने कहा कि अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद जम्मू-कश्मीर में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। भारत के साथ जम्मू-कश्मीर के एकीकरण ने निवेश, पर्यटन में उछाल और विकास का मार्ग प्रशस्त किया है। जम्मू अब शिक्षा का हब बनेगा। जम्मू-कश्मीर में आज देश के सभी शीर्ष संस्थान हैं, चाहे आईआईएम, आईआईटी और यहां तक कि एम्स भी हैं। अनुच्छेद 370 निरस्त होने के बाद 100 कानूनों को संशोधित किया गया है। सड़कें बन रही हैं और हर क्षेत्र में भारी विकास हो रहा है। बनिहाल सुरंग, चनैनी-नाशिरी सुरंग और चिनाब नदी पर दुनिया का सबसे ऊंचा रेल पुल पूरा हो चुका है। उन्होंने कहा कि भारत दुनिया की बढ़ती अर्थव्यवस्था है और डिजिटल परिवर्तन के साथ आगे बढ़ रहा है।
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