भारतीय रक्षा अनुसंधान विकास प्राधिकरण द्वारा विकसित 2-डीजी औषधि को लेकर बड़ी सूचना सामने आ रही है। इसकी निर्माता डॉ.रेड्डीज लेबोरेटरी ने इसके बाजार में उपलब्ध होने का संभावित समय मध्य जून बता दिया है। यह इसलिए भी आवश्यक था जिससे इसे उपलब्ध कराने के नाम पर लोग पीड़ितों को भ्रमित न कर पाएं।
डीआरडीओ द्वारा विकसित 2-डीजी औषधि को लेकर बड़ी आशाएं हैं। जो कोविड 19 से ग्रस्त हैं वे, उनके परिवार और देशवासी इसकी उपलब्धता का राह देख रहे हैं। ऐसी आपदा को लूट का अवसर बनानेवालों की मंशा को नाकाम करने के लिए डॉ.रेड्डीज ने जानकारी उपलब्ध कराई है, जिसके अनुसार जून के मध्य तक यह औषधि उपलब्ध हो पाएगी। उन्होंने आह्वान भी किया है कि किसी के आश्वासन और झांसे में आने की आवश्यकता नहीं है।
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Important information regarding #2DG. For all queries related to 2DG, please write to [email protected].#DrReddys pic.twitter.com/FgGqrnfuEn
— Dr. Reddy’s Laboratories Ltd (@drreddys) May 19, 2021
औषधि विकास
महामारी के विरुद्ध प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अह्वान के अनुरूप डीआरडीओ ने केविड 19 के उपचार के लिए थेरेपी एप्लीकेशन 2-डीजी का विकास किया है। इस पर कार्य अप्रैल 2020 में ही शुरू हो गया थ। इन्मास-डीआरडीओ के वैज्ञानिकों ने सेंटर फॉर सेल्यूलर एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी के साथ प्रयोगशाला में इसका परीक्षण किया और पाया कि यह मॉलिक्यूल (अणु) सार्स सीओवी-2 वायरस पर कार्य करता है और उसकी बढ़ोतरी को दबा देता है। इन परिक्षणों के आधार पर ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया के स्टैंडर्ड कंट्रों ऑर्गेनाइजेशन ने दूसर चरण के क्नीलिकल परीक्षण को मई 2020 में अनुमति दी थी।
इस औषधि को डीआरडीओ के न्यूक्लियर मेडिसीन एंड अलाइड साइंसेज और डॉ.रेड्डीज लेबोरेटरी ने संयुक्त रूप से विकसित किया है। इस थेरेपी के क्लीनिकल ट्रायल में औषधि के मॉलीक्यूल ने अस्पताल में भर्ती संक्रमितों के सप्लिमेंटल ऑक्सीजन अवलंबिता को कम कर दिया था।
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परीक्षण में सकारात्मक परिणाम
8 मई, 2021 को रक्षा मंत्रालय ने सूचित किया कि कोविड-19 से गंभीर रूप से पीड़ित लोगों को यह औषधि दी गई थी। जिसमें से 42 प्रतिशत लोगों को तीसरे दिन से अतिरिक्त ऑक्सीजन सहायता नहीं लेनी पड़ी, जबकि 31 प्रतिशत वह लोग जो उच्च निगरानी में इलाज ले रहे थे उनमें भी यह प्रगति देखने को मिली।