तुर्किये और सीरिया में आए विनाशकारी भूकंप में अबतक 9500 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। 30 हजार से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। ऐसे में सीरिया से एक नवजात के बच्ची के बचने की खबर आ रही है। प्रसव मलबे में होने के बाद बच्ची सुरक्षित है जबकि उसकी मां की मौत हो चुकी है।
भूकंप से हजारों इमारतों के ध्वस्त होने से कई प्रांतों में हालात बद से बदतर हो गई है। भारत समेत दुनिया के कई देशों ने मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाया है और राहत बचाव टीम के दल को भेजा है। भारत से राहत एवं बचाव दल और मेडिकल टीम भी तुर्किये पहुंच चुकी है।
खास बातः
-सीरिया में मलबे के नीचे फंसी एक गर्भवती महिला ने बच्ची को जन्म दिया। उत्तरी सीरिया में एक घर के मलबे से नवजात बच्ची को जीवित निकाला गया। इस दौरान नवजात बच्ची अपनी मां की गर्भनाल से बंधी थी। उसकी मां की सोमवार को आए भूकंप के दौरान मौत हो गई थी। इसकी जानकारी परिवार के एक रिश्तेदार ने दी है।
-34 वर्षीय खलील अल शमी ने बताया कि 5 फरवरी को सीरिया के जिंदयारिस शहर में भूकंप के चलते उनके भाई का घर भी तबाह हो गया। पूरी इमारत मलबे के ढेर में तब्दील हो गई। वह अपने भाई और अन्य परिजनों को तलाशने के लिए मलबे की खुदाई कर रहे थे। इसी दौरान उन्होंने अपनी भाभी के गर्भनाल से एक नजवात बच्ची को जुड़े हुए देखा। उन्होंने तुरंत गर्भनाल को काट दिया और बच्ची रोने लगी, उसे बाहर निकाला। मलबा को पूरी तरह से हटाया तो पता चला कि बच्ची की मां मर चुकी है। बच्ची अभी अस्पताल में है और सुरक्षित है।
खलील के अनुसार, उनकी भाभी गर्भवती थीं और एक-दो दिन बाद वह बच्चे को जन्म देने वाली थीं, लेकिन भूकंप आने के बाद सदमे के चलते उन्होंने मलबे के अंदर ही बच्ची को जन्म दे दिया। करीब 30 घंटे बाद बच्ची को सुरक्षित बाहर निकाला गया। सुवाड़ी ने बताया कि खुदाई के दौरान आवाज सुनाई दी। धूल साफ करने पर बच्चे को गर्भनाल के साथ पाया। मेरे चचेरे भाई उसे अस्पताल ले गए। रेस्क्यू का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
-फुटेज में दिख रहा है कि एक व्यक्ति चार मंजिला इमारत के मलबे से धूल से ढके एक छोटे बच्चे को पकड़ कर दौड़ता हुआ आ रहा है। एक दूसरा आदमी उप-शून्य तापमान में नवजात शिशु को गर्म करने की कोशिश करने के लिए कंबल लेकर दौड़ता हुआ दिखाई दे रहा है, जबकि तीसरा व्यक्ति उसे अस्पताल ले जाने के लिए कार के लिए चिल्लाता है। बच्ची को पास के शहर अफरीन में इलाज के लिए ले जाया गया, जबकि परिवार के सदस्यों को उसके पिता अब्दुल्ला, मां अफरा, चार भाई-बहनों और एक चाची का शव मिला।
-पूरे सीरिया में 1,600 से अधिक लोग मारे गए, जबकि तुर्किये में 3,400 से अधिक लोग मारे गए हैं। विद्रोहियों के कब्जे वाले कस्बों और शहरों में लगभग 800 लोग मारे गए हैं।
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