भारत (India) के चांद मिशन चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) के लैंडर ने 31 अगस्त को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) को चंद्रमा (moon) पर कंपन की तस्वीरें भेजी । इसरो के वैज्ञानिकों (scientists) ने इसे प्राकृतिक भूकंप (natural earthquake) माना है। इस कंपन को चंद्र भूकंपीय गतिविधि पेलोड ने रिकॉर्ड किया है। इस बाबत जानकारी साझा करते इसरो ने कहा है कि विक्रम लैंडर (Vikram Lander) ने चांद पर कंपन होना रिकॉर्ड किया है । साथ ही प्रज्ञान रोवर और अन्य पेलोड (payload) द्वारा भेजे गये डेटा से भी इस भूकंपन की विस्तृत जांच की जा रही है।
इसरो ने बताया है कि इससे पहले 26 अगस्त को भी लैंडर ने एक प्राकृतिक घटना को रिकॉर्ड किया था। फिर आईएलएसए पेलोड द्वारा रिकॉर्ड की गई भूकंपन की घटना प्राकृतिक सी लगती है। इस दोनों घटनाओं की विस्तृत जांच की जा रही है। ताकि इसकी वास्तविकता का पता लगाया जा सके।
चंद्रमा की सतह पर मिला था सल्फर
हाल ही में चंद्रमा (Moon) की सतह पर भ्रमण कर रहे प्रज्ञान रोवर (Pragyan Rover) के भेजे गए सैंपल्स (samples) की जांच में सल्फर (Sulfur) के मौजूदगी की पुष्टि हुई। सल्फर, जीवन के लिए एक जरूरी तत्व है। प्रज्ञान रोवर को कई अन्य जरूरी एलिमेंट्स भी मिले हैं। हालांकि, हाइड्रोजन की खोज जारी है।
अन्य जरूरी तत्व भी मिले
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने जानकारी दी कि चंद्रमा पर सल्फर मिला है। चंद्रयान-3 मिशन प्रज्ञान रोवर पर लेजर बेस्ड ब्रेकडाउन स्पेक्ट्रोस्कोप (एलआईबीएस) उपकरण लगा है। इस उपकरण ने दक्षिण ध्रुव के पास चंद्रमा की सतह पर सल्फर की उपस्थिति की स्पष्ट रूप से पुष्टि की है। इसके साथ चंद्रमा पर एल्युमिनियम, कैल्शियम, आयरन, क्रोमियम, टाइटेनियम, मैग्नीशियम, सिलिकॉन और ऑक्सीजन का भी पता चला है। हालांकि, चंद्रमा पर हाइड्रोजन की खोज अभी की जा रही है।
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