सिक्किम (Sikkim) के कुछ हिस्सों में शुक्रवार (9 अगस्त) को सुबह भूकंप (Earthquake) से धरती कांपी। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (National Center for Seismology) के अनुसार, इसका सर्वाधिक असर सिक्किम के सोरेंग में रहा। यहां सुबह 06:57 बजे रिक्टर स्केल (Richter Scale) पर 4.4 तीव्रता का भूकंप आया। फिलहाल, इस भूकंप से किसी तरह के नुकसान की सूचना नहीं है।
लोगों का कहना है कि उन्होंने भूकंप के झटके महसूस किए। घर की चीजें हिलने लगीं। इस वजह से वे घरों से बाहर निकल आए। कुछ लोगों की नींद ही भूकंप के झटके से खुली। उल्लेखनीय है कि एक दिन पहले गुरुवार को भूकंप के जोरदार झटकों से जापान हिल गया था। जापान के दक्षिणी तट पर भूकंप के तगड़े झटके महसूस किए। सुनामी की चेतावनी जारी करनी पड़ी। स्थानीय निवासियों से समुद्र तट से दूर रहने का आग्रह किया गया। जापान मौसम विज्ञान एजेंसी ने बताया कि भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 7.1 मापी गई।
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भूकंप कब आता है
पृथ्वी के अंदर सात प्लेटें हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं। जिस क्षेत्र में ये प्लेटें टकराती हैं उसे फॉल्ट लाइन कहा जाता है। बार-बार टकराने से प्लेटों के कोने मुड़ जाते हैं। जब बहुत अधिक दबाव बनता है तो प्लेटें टूटने लगती हैं। नीचे की ऊर्जा बाहर निकलने का रास्ता ढूंढती है और गड़बड़ी के बाद भूकंप आता है।
भूकंप की तीव्रता कैसे मापी जाती है?
भूकंप को रिक्टर पैमाने पर मापा जाता है। रिक्टर स्केल भूकंप तरंगों की तीव्रता मापने का एक गणितीय पैमाना है, जिसे रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल कहा जाता है। रिक्टर स्केल पर भूकंप को उसके केंद्र से 1 से 9 तक मापा जाता है। यह पैमाना भूकंप के दौरान पृथ्वी से निकलने वाली ऊर्जा के आधार पर तीव्रता को मापता है।
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