प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) का राष्ट्रीय जनता दल (Rashtriya Janata Dal) के विधायक और पूर्व मंत्री रहे आलोक मेहता (Alok Mehta) पर शिकंजा कसता जा रहा है। उनकी कई कंपनियों से जुड़े करोड़ों रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering) के एक मामले में तफ्तीश के दौरान मिले सबूतों और दर्ज बयानों के आधार पर चार आरोपितों को गिरफ्तार (Arrested) किया गया है।
यह मामला बिहार स्थित “वैशाली शहरी कॉरपोरेशन बैंक” से करोड़ों रुपये का फर्जीवाड़े का है। इस घोटाले में बैंक के चेयरमैन सहित सीईओ और कई अधिकारियों की भूमिका भी संदिग्ध है। इस मामले की तफ्तीश के दौरान मिले सबूतों और दर्ज बयानों के आधार पर चार आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार आरोपितों में एक को दिल्ली से दूसरे को कोलकाता से और बाकी दो प्रमुख आरोपितों को बिहार से ही गिरफ्तार किया गया है।
यह भी पढ़ें – Bihar: BPSC छात्रों के समर्थन में उतरे सांसद पप्पू यादव, पटना की सड़कों पर छात्रों ने किया हंगामा
गिरफ्तारी कोलकाता से हुई
गिरफ्तार आरोपितों में बिहार के वैशाली शहरी कॉरपोरेशन बैंक के सीईओ विपिन तिवारी और उनके ससुर राम बाबू शांडिल्य (पूर्वांचल सहकारिता बैंक के फाउंडर सदस्य) शामिल हैं। इनके अलावा मनी लॉन्ड्रिंग करने में प्राइवेट पर्सन संदीप सिंह की गिरफ्तारी कोलकाता से हुई है जबकि मनी लॉन्ड्रिंग में सहयोगी प्राइवेट पर्सन नितिन मेहरा को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया है।
देखें यह वीडियो –
Join Our WhatsApp Community