मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त संजय पांडे गिरफ्तार हो गए हैं। वे दिल्ली में प्रवर्तन निदेशालय के समक्ष पूछताछ के लिए प्रस्तुत हुए थे, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है। इसके पहले एनएसई प्रकरण में सुचित्रा रामकृष्णन और रवि नारायण को गिरफ्तार किया गया था।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के प्रकरण में मनी लॉंडरिंग का प्रकरण दर्ज किया था। जिसमें संजय पांडे के साथ एनएसई की पूर्व प्रबंध निदेशक (एमडी) चित्रा रामकृष्णन और रवि नारायण को पहले ही गिरफ्तार किया गया है। ईडी ने इन्हें गैर-कानूनी तरीके से फोन टैपिंग और एनएसई कर्मचारियों की जासूसी से जुड़े धनशोधन मामले में गिरफ्तार किया है।
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ये है आरोप
प्राप्त जानकारी के अनुसार संजय पांडे की आईटी कंपनी थी। इसके लिए एनएसई कर्मचारियों के फोन टेप किये गए। जिसमें केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से शिकायत की गई थी। अंग्रेजी दैनिक इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, इसी आधार पर सीबीआई ने शिकायत दर्ज कराई है। इस शिकायत में सीबीआई ने बताया है कि, आईसेक सिक्योरिटीज प्राइवेट लिमिटेड समेत अन्य कंपनियों ने एनएसई का सिक्योरिटी ऑडिट किया और अवैध रूप से एनएसई कर्मियों के फोन टेप किये।
आईसेक सिक्योरिटीज प्राइवेट लिमिटेड की स्थापना संजय पांडे ने मार्च 2001 में की थी। उन्होंने वर्ष 2006 में इस कंपनी के निदेशक पद से त्यागपत्र दे दिया था। जिसके बाद संजय पांडे के पुत्र और मां ने कंपनी का कार्य अपने हाथों में ले लिया।
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