ईडी ने पत्रकार राणा अयूब के खिलाफ एक विशेष न्यायालय में शिकायत दर्ज कर आरोप लगाया है कि उसने जनहित की परियोजनाओं को लागू करने के बहाने आम लोगों से पैसा इकट्ठा किया और अपने निजी बैंक खाते में पैसे भेज दिए। साथ ही ईडी ने राणा के बैंक खाते से अब तक 1 करोड़ 77 लाख रुपये भी जब्त किए हैं।
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प्राप्त जानकारी के अनुसार, राणा ने वर्ष 2020 में ऑनलाइन प्लेटफॉर्म केटो के माध्यम से आम लोगों से बड़ी मात्रा में धन एकत्र किया था, जिसमें महाराष्ट्र, असम, बिहार में झुग्गी-झोपड़ी में रहने वालों और कोविड के दौरान कुछ अन्य सामाजिक कल्याणकारी कार्यों को दिखाया गया था। अवधि। ईडी की जांच में सामने आया कि उन्हें इस काम के लिए लोगों से 2 करोड़ 69 लाख रुपये मिले। यह पैसा उसके पिता के साथ-साथ उसकी बहन के बैंक खाते में जमा किया गया था। उसके बाद जांच में पता चला कि दोनों के खाते से राणा के खाते में पैसे भेजे गए थे। अपने खाते में पैसा जमा करने के बाद, उसने सावधि जमा में 50 लाख रुपये का निवेश किया और 50 लाख रुपये अपने दूसरे बैंक खाते में स्थानांतरित कर दिए। जिन उद्देश्यों के लिए यह धन एकत्र किया गया था। पता चला कि उस काम के लिए सिर्फ 29 लाख रुपये खर्च किए गए थे। ईडी ने यह भी आरोप लगाया है कि उसने बाकी पैसे के लिए फर्जी बिल जमा किए। इस मामले में गाजियाबाद थाने में मामला दर्ज किया गया था। हालांकि, इसके आर्थिक दायरे को देखते हुए ईडी ने मामले की जांच शुरू की। 4 अप्रैल 2022 को राणा अयूब के बैंक खाते में जमा सारा पैसा जब्त कर लिया गया।
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