प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने गुरुवार (24 जनवरी) को कहा कि एजेंसी (Agency) ने पटना (Patna) में रेलवे (Railway) दावा न्यायाधिकरण द्वारा स्वीकृत मुआवजे के कथित दुरुपयोग से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले (Money Laundering Case) में तीन वकीलों को गिरफ्तार किया है। ईडी ने एक बयान में कहा कि एजेंसी ने हाल ही में बिहार के पटना और नालंदा और कर्नाटक के मंगलुरु में न्यायाधीश आर के मित्तल और कुछ वकीलों से जुड़े चार ठिकानों पर छापेमारी की।
एजेंसी के अनुसार, इस घोटाले से संबंधित धन शोधन के अपराध के लिए बुधवार को तीन वकीलों विद्यानंद सिंह, परमानंद सिन्हा और विजय कुमार को गिरफ्तार किया गया।
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न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया
एजेंसी ने बताया कि तीनों को पटना में धन शोधन रोकथाम अधिनियम की विशेष अदालत ने न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। ईडी ने कहा कि उसका मामला केंद्रीय जांच ब्यूरो द्वारा दर्ज की गई एफआईआर पर आधारित है। एफआईआर में पटना में रेलवे दावा न्यायाधिकरण द्वारा दायर, जांचे गए और तय किए गए मृत्यु दावा मामलों में “बड़े पैमाने पर” अनियमितताओं और आपराधिकता का आरोप लगाया गया है।
900 मामलों का निपटारा
ईडी के अनुसार, “विद्याानंद सिंह और उनके वकीलों की टीम ने लगभग 900 मामलों का निपटारा किया, जहां न्यायाधीश आरके मित्तल द्वारा निष्पादन आदेश जारी किए गए और दावेदारों को लगभग 50 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया गया। टीम में परमानंद सिन्हा और विजय कुमार शामिल थे।”
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