ED Raids: परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक के करीबियों के आठ ठिकानों पर ईडी का छापा, सर्चिंग जारी

ईडी की टीम सुबह करीब पांच बजे से अरोरा और डॉ. अग्रवाल के सभी ठिकानों पर पहुंची। फिलहाल ईडी के अधिकारी दस्तावेजों की जांच कर रहे हैं। पूर्व सीनियर सब रजिस्ट्रार अरोरा, विनय हासवानी के बिजनेस पार्टनर हैं।

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ED RAID
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ED Raids: प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) (ईडी) की अलग-अलग टीमों ने 17 जनवरी (शुक्रवार) को मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की राजधानी भोपाल और ग्वालियर (Bhopal and Gwalior) में आठ ठिकानों पर छापामार कार्रवाई की है। जिन लोगों के यहां ईडी की टीम ने दबिश दी है, वे परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा (Saurabh Sharma) के करीबी बताए जा रहे हैं।

भोपाल में इंद्रपुरी स्थित नवोदय हॉस्पिटल के संचालक डॉ. श्याम अग्रवाल के ठिकानों समेत चार जगह और ग्वालियर में मुरार स्थित सीपी कॉलोनी समेत पूर्व सीनियर सब रजिस्ट्रार केके अरोरा के चार ठिकानों पर सर्चिंग जारी है। ईडी की टीम सुबह करीब पांच बजे से अरोरा और डॉ. अग्रवाल के सभी ठिकानों पर पहुंची। फिलहाल ईडी के अधिकारी दस्तावेजों की जांच कर रहे हैं। पूर्व सीनियर सब रजिस्ट्रार अरोरा, विनय हासवानी के बिजनेस पार्टनर हैं।

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54 किलो सोना जब्त
भोपाल के मेंडोरी स्थित विनय हासवानी के फार्म हाउस से ही 54 किलो सोना और 11 करोड़ रुपये नकदी से भरी कार मिली थी। वह परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के मौसा और पूर्व डीएसपी मुनीश राजोरिया का दामाद है। पड़ोसियों के मुताबिक, केके अरोरा और उनकी पत्नी 25 दिन पहले ही घर से चले गए थे। वे बेंगलुरु में हैं। उनके घर में दो किरायेदार रहते हैं, जिनसे पूछताछ की जा रही है। ईडी की टीम ने छापेमारी के वक्त किरायेदारों को घर के अंदर लॉक कर दिया था। उनके बच्चों को भी स्कूल नहीं जाने दिया गया। वहीं, भोपाल में डॉ. श्याम अग्रवाल के इंद्रपुरी बी सेक्टर स्थित घर पर ईडी पहुंची है। इंद्रपुरी में ही नवोदय कैंसर हॉस्पिटल और एमपी नगर स्थित उनके दूसरे अस्पताल में टीम जांच कर रही है। ईडी को जांच के दौरान भारी मात्रा में निवेश से जुड़े दस्तावेज और नकदी मिलने का अनुमान है। हालांकि, अभी इसकी पुष्टि नहीं की गई है।

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11 करोड़ रुपए नगद बरामद
परिवहन विभाग (आरटीओ) में आरक्षक रहे सौरभ शर्मा और उसके करीबियों पर नाकों पर तैनाती कराने के लिए दलाली के आरोप हैं। सौरभ ने महज 12 साल की नौकरी में प्रदेशभर में करोड़ों का अवैध साम्राज्य खड़ा कर लिया था। मूल रूप से ग्वालियर के रहने वाले सौरभ को पिता की जगह अनुकंपा नियुक्ति मिली थी। चंद साल की नौकरी में ही उसका रहन-सहन बदल गया था। इसकी शिकायत परिवहन विभाग सहित अन्य जांच एजेंसियों पर की जाने लगीं तो सौरभ ने वीआरएस लेने का फैसला लिया। इसके बाद भोपाल के कई नामचीन बिल्डरों के साथ प्रॉपर्टी में इन्वेस्टमेंट करने लगा। गौरतलब है कि सौरभ शर्मा के यहां तीन जांच एजेंसियों- ईडी, लोकायुक्त और आयकर विभाग ने नौ दिन छापे की कार्रवाई की थी। इस दौरान उसके पास 93 करोड़ से अधिक की संपत्ति का खुलासा हुआ था। सौरभ के ठिकानों पर लोकायुक्त की कार्रवाई चल रही थी, इसी बीच 19 और 20 दिसंबर की रात इनकम टैक्स की टीम ने मेंडोरी के जंगल में इनोवा कार से 54 किलो सोने की सिल्लियां और 11 करोड़ रुपए नगद बरामद किए थे।सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, विनय हासवानी ही 19 दिसंबर 2024 को इनोवा कार को चार से पांच गाड़ियों के काफिले में दो बार मेंडोरी ले गया था। इसके बाद उसके लोग इस कार को लगातार वॉच कर रहे थे। जिस जगह पर गाड़ी जब्त की गई, वहां सिर्फ तीन फॉर्म हाउस हैं। उससे आगे जाने का कोई रास्ता भी नहीं है।

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23 करोड़ रुपये की चल अचल संपत्ति जब्त
इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भोपाल की टीम ने जबलपुर में सौरभ शर्मा के जीजा रोहित तिवारी के ठिकाने पर दबिश दी थी। ईडी भोपाल में सौरभ के सहयोगी शरद जायसवाल और ग्वालियर में चेतन सिंह गौर के घर-दफ्तर पर छापेमारी कर 23 करोड़ रुपये की चल अचल संपत्ति जब्त कर चुकी है। ईडी मामले की जांच आयकर विभाग की जांच से अलग हटकर कर रही है।

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