प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने बैंक धोखाधड़ी मामले (Bank Fraud Cases) में नागपुर स्थित व्यवसायी मनोज जायसवाल, उनकी बिजली कंपनी कॉरपोरेट पावर लिमिटेड और उसके अन्य प्रमोटरों की 503.16 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त (Property Seizure) की है। ये हाई-प्रोफाइल मामला 4,037 करोड़ रुपये के बैंक धोखाधड़ी से जुड़ा हुआ है।
केंद्रीय जांच एजेंसी (Central Investigation Agency) ने सोमवार को जारी एक बयान में बताया कि ईडी की नागपुर (Nagpur) इकाई ने मेसर्स कॉरपोरेट पावर लिमिटेड और उनके प्रमोटरों यानी निदेशकों मनोज जायसवाल, अभिजीत जायसवाल, अभिषेक जायसवाल और अन्य के खिलाफ कार्रवाई करते हुए 503.16 करोड़ रुपये मूल्य की चल-अचल संपत्तियों को अनंतिम रूप से जब्त किया है।
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केंद्रीय जांच एजेंसी के अनुसार, बैंक धोखाधड़ी के मामले में धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत 24 अक्टूबर, 2024 को महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड और आंध्र प्रदेश में विभिन्न स्थानों पर स्थित इन संपत्तियों को जब्त किया गया है।
केंद्रीय जांच एजेंसी कहा कि जब्त की गई संपत्तियों में बैंक बैलेंस, म्यूचुअल फंड, शेयर, विभिन्न भू-संपत्तियां और मेसर्स कॉरपोरेट पावर लिमिटेड और और इसके निदेशकों मनोज कुमार जायसवाल और अन्य के परिवार के सदस्यों के अलावा विभिन्न शेल कंपनियों के नाम पर अर्जित भवन शामिल हैं।
केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी ने कहा कि कार्रवाई के तहत महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड और आंध्र प्रदेश के विभिन्न स्थानों से संपत्तियां, भवन, बैंक बैलेंस, म्यूचुअल फंड और शेयर बरामद किए गए हैं। ईडी ने कहा कि इस मामले में अब तक कुल कुर्की यानी जब्ती करीब 727 करोड़ रुपये की हुई है।
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