प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने गुरुवार (5 सितंबर) को ड्रग्स मनी लॉन्ड्रिंग मामले (Drugs Money Laundering Case) में बड़ी कार्रवाई (Action) की। डीएमके (DMK) से निष्कासित नेता जाफर सादिक (Jaffer Sadiq) और उनके सहयोगियों की 55 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति जब्त (Property Seized) की गई है। यह कार्रवाई ड्रग तस्करी (Drug Smuggling) और मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering) की चल रही जांच का हिस्सा है।
बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय द्वारा जब्त की गई संपत्ति में जेएसएम रेजीडेंसी होटल, एक आलीशान बंगला और मर्सिडीज और जगुआर जैसी 7 महंगी कारें शामिल हैं। जफर सादिक डीएमके से जुड़े रहे हैं और तमिल फिल्मों के निर्माता हैं। जफर पर आरोप है कि उन्होंने ड्रग्स से कमाए गए पैसे का इस्तेमाल होटल बनवाने, संपत्ति खरीदने और डीएमके को फंड देने में किया। उन्होंने इस पैसे से फिल्में भी बनाईं।
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मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप
ईडी का दावा है कि सादिक ने ड्रग ऑपरेशन से प्राप्त धन को रियल एस्टेट, फिल्म निर्माण, आतिथ्य और लॉजिस्टिक्स जैसे वैध उपक्रमों में निवेश करके लॉन्ड्रिंग की। इन निधियों को सादिक और उनके परिवार के सदस्यों द्वारा नियंत्रित बैंक खातों के नेटवर्क के माध्यम से भेजा गया था। अवैध नकदी को फाइनेंसरों के माध्यम से जमा किया गया था, जिसे वित्तीय विवरणों में असुरक्षित ऋण के रूप में दर्ज किया गया था।
संपत्ति का अधिग्रहण
जांच से पता चला कि लॉन्डरिंग के पैसे का इस्तेमाल सादिक, उनकी पत्नी अमीना बानो, मायदीन गनी और अन्य लोगों के नाम पर अचल और चल संपत्तियां हासिल करने के लिए किया गया था, जिनमें मोहम्मद मुस्तफा एस और जमाल मोहम्मद जैसे बेनामी शामिल हैं।
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