ईडी ने मांगी पार्थ और अर्पिता की हिरासत, कोर्ट ने संरक्षित किया फैसला

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शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी और उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी की हिरासत की मांग प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को की है। बैंकशाल कोर्ट में मौजूद विशेष सीबीआई कोर्ट में सोमवार अपराह्न दोनों की पेशी हुई। भुवनेश्वर से पार्थ चटर्जी को वर्चुअल जरिए पेश किया गया जबकि अर्पिता को अधिकारियों ने जोका ईएसआई अस्पताल में चिकित्सकीय जांच के बाद कोर्ट में पेश किया।

ईडी की ओर से शामिल हुए सॉलीसीटर जनरल एसबी राजू ने पार्थ को 14 दिनों की और अर्पिता को 13 दिनों की हिरासत में भेजने का अनुरोध किया है। हालांकि दोनों के अधिवक्ताओं ने उनकी जमानत की याचिका लगाई। उनका कहना था कि पार्थ राज्य के मंत्री हैं। वह फरार होने वाले नहीं हैं। पूछताछ में भी सहयोग करेंगे इसलिए उनको हिरासत में रखने का कोई औचित्य नहीं है। दूसरी ओर ईडी के अधिवक्ता ने कहा कि दोनों अगर ईडी की हिरासत में रहेंगे तो इन्हें आमने-सामने बैठाकर पूछताछ होगी और शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले में कई महत्वपूर्ण तथ्य उजागर हो सकते हैं। न्यायालय ने दोनों पक्षों को सुना है और फैसला फिलहाल सुरक्षित रखा है।

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उल्लेखनीय है कि शनिवार को पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी की गिरफ्तारी हुई थी। हाईकोर्ट के आदेश पर पार्थ को चिकित्सकीय जांच के लिए भुवनेश्वर एम्स ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने कहा है कि उनकी सेहत उतनी खराब नहीं है कि अस्पताल में रखना पड़ेगा। इसके पहले जब शनिवार को गिरफ्तार हुए थे तो तबीयत खराब होने की बात कहकर कोलकाता के सरकारी एसएसकेएम अस्पताल में भर्ती हो गए थे। रविवार रात ईडी अधिकारियों ने हाईकोर्ट में याचिका लगाकर कहा था कि पार्थ चटर्जी ने तबीयत खराब होने का बहाना बनाया है उन्हें अस्पताल में भर्ती करने की कोई जरूरत नहीं है।

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