MUDA Case: कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया की पत्नी को ED ने भेजा समन, जानें क्या है मामला

मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण में भूमि आवंटन से जुड़े कथित घोटाले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की पत्नी बीएम पार्वती और राज्य के शहरी विकास मंत्री बीएस सुरेश को पूछताछ के लिए पेश होने के लिए नोटिस जारी किया है। दोनों से 28 जनवरी को पूछताछ की जाएगी।

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केंद्रीय जांच एजेंसी (Central Investigation Agency) ने कर्नाटक (Karnataka) के बहुचर्चित मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (Mysore Urban Development Authority) से जुड़े घोटाला मामले में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया (Chief Minister Siddaramaiah) की पत्नी पार्वती बी. एम. (Parvathy B.M.) को पूछताछ के लिए समन (Summons) भेजा है। ईडी ने उनको बेंगलुरू स्थित ईडी के दफ्तर में पूछताछ के लिए बुलाया गया है।

ईडी के द्वारा जो समन भेजा गया है उसके अनुसार, उन्हे कई महत्वपूर्ण दस्तावेज लेकर आने का भी निर्देश दिया गया है। क्योंकि जांच एजेंसी के सूत्र के अनुसार, मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) से जुड़े 14 साइटों के ट्रांसफर सहित मैसूर के एक बेहद महंगी प्रॉपर्टी और उससे जुड़े अनियमितता मामले में पार्वती बी. एम. का जो नाम सामने आया था उसी मामले में जांच एजेंसी ईडी उनसे पूछताछ करना चाहती है। उन पर आरोप है की उन्हे मैसूर के अपमार्केट में जो जमीन दी गई है, उसकी कीमत MUDA द्वारा अधिग्रहीत जमीन से ज्यादा थी। मैसूर के कसाबा होबली कसारे गांव में उनकी 03.16 एकड़ जमीन के बदले दी गई 14 साइट्स जो करीब तीन लाख 24 हजार 700 रुपये में आवंटित की गई थी।

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आरोप ये भी है की इस 3.16 एकड़ जमीन का पार्वती बी. एम. का उस प्रॉपर्टी पर कोई कानूनी अधिकार ही नहीं थी। सिद्धारमैया की पत्नी को मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण की ओर से मुआवजे के तौर पर मिले विजयनगर के प्लॉट की कीमत कसारे गांव की उनकी जमीन से बहुत ज्यादा है। इस मामले में स्नेहमयी कृष्णा ने सिद्धारमैया के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई थी। हालांकि, सिद्धारमैया की पत्नी के तरफ से ये बताया गया है की ये जमीन पार्वती के भाई मल्लिकार्जुन ने उन्हे साल 2010 में गिफ्ट में दी थी। लेकिन मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण ने इस जमीन को अधिग्रहण किए बिना ही देवनूर स्टेज 3 लेआउट विकास किया था। मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले की अगर बात करें तो यह मामला साल 1992 में कर्नाटक में अर्बन डेवलपमेंट संस्थान मैसूर अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी ने रियाशी इलाके को विकसित करने के लिए किसानों से काफी जमीन ली थी। इसके बदले की इंसेंटिव 50-50 के हिसाब से स्कीम के तहत जमीन मालिकों से ली गई थी। क्योंकि उस इस स्कीम के तहत जमीन मालिकों को विकसित भूमि में 50 प्रतिशत या एक वैकल्पिक साइट दी गई थी।

“मैं आरोपी नहीं, पीड़ित हूं”: पार्वती बी.एम.
जांच एजेंसी के सूत्रो का कहना है कि सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती बी. एम. को जब पूछताछ का समन भेजा गया है। क्योंकि, पार्वती बी. एम. कर्नाटक हाईकोर्ट में रिट पिटीशन दायर करते हुए कोर्ट में सुनवाई की मांग की है और उनके द्वारा रिट पिटीशन के मार्फत ये बताया गया है की सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती बी. एम. इस घोटाले में आरोपी नहीं बल्कि वो खुद इस मामले में पीड़ित हैं। पार्वती बी. एम. का ये भी कहना है की उन्हें ईडी के द्वारा पूछताछ का समन भी नहीं भेजा जाना चाहिए। उनके द्वारा ये भी बताया गया है की मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण में कार्यरत कई कर्मचारियों और अधिकारियों की भूमिका इस मामले में संदिग्ध है, उन आरोपियों के खिलाफ तफ्तीश होनी चाहिए। जो इस घोटाले में शामिल हैं।

चल एवं अचल सम्पत्तियों की कुर्की
जांच एजेंसी ईडी के द्वारा इस मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण मामले में अब तक करीब 300 करोड़ की चल-अचल संपत्तियों को अटैच किया जा चुका है। जांच एजेंसी द्वारा मुख्यमंत्री सिद्धारमैया सहित अन्य आरोपियों से जुड़े इस मामले में करीब 300 करोड़ की जो चल और अचल संपत्तियों को अटैच किया गया है। उनमें करीब 142 प्रॉपर्टी शामिल हैं। हालांकि, जांच एजेंसी के सूत्र बताते हैं की कुर्क की गई इन संपत्तियां कई अलग-अलग लोगों ने नाम से रजिस्टर्ड है। जिसका विस्तार से जांच पड़ताल की जा रही है। इस मामले की तफ्तीश में ये भी पता चला है की ये लोग रियल एस्टेट कारोबारी और एजेंट के तौर पर काम कर रहे थे। जांच एजेंसी ईडी के द्वारा इसी मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण मामले में पिछले साल 28 अक्टूबर को बेंगलुरु, मैसूर के कुल 9 लोकेशन पर सर्च ऑपरेशन की कार्रवाई को अंजाम दिया गया था और काफी महत्वपूर्ण दस्तावेजों को इकट्ठा किया गया था। जांच एजेंसी के द्वारा इस मामले में अभी तक कई सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों से पूछताछ की जा चुकी है। जिसके दर्ज बयान के आधार पर मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती बी. एम. को पूछताछ का समन भेजा गया है। (MUDA Case)

देखें यह वीडियो – 

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