प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी के इस कदम से उद्धव ठाकरे के पुत्र और महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। ईडी ने उनके करीबी और ठाकरे गुट के सचिव सूरज चव्हाण को 26 जून को तलब किया है।
इससे पहले 22 जून को ठाकरे गुट के सचिव सूरज चव्हाण के घर पर ईडी ने छापा मारा था। यह छापेमारी कोरोना काल में हुए लाइफलाइन कंपनी घोटाले में की गई। इस कार्रवाई में सूरज चव्हाण के चेंबूर स्थित आवास पर छापा मारा गया था। इसके साथ ही ईडी ने सूरज चव्हाण से 17 घंटे तक पूछताछ की थी। चव्हाण चेंबूर की एक इमारत केके ग्रैंड की 11वीं मंजिल पर रहते हैं। छापेमारी के दौरान ईडी के पांच अधिकारी उनके घर पहुंचे थे।
26 जून को पेश होने का आदेश
अब ईडी ने कोविड सेंटर में कथित हेराफेरी के मामले में सूरज चव्हाण को तलब किया है। भेजे गए समन में चव्हाण को 26 जून को पूछताछ के लिए ईडी दफ्तर में पेश होने के निर्देश दिए गए हैं।
22 जून को की थी छापेमारी
बता दें कि ईडी ने 22 जून की सुबह कार्रवाई शुरू की थी। इस दौरान संजय राउत के करीबी सुजीत पाटकर और सूरज चव्हाण के घर और दफ्तर पर छापेमारी की गई थी। इनके साथ ही ईडी की टीम ने रजिस्टर्ड अधिकारी संजीव जयसवाल, डिप्टी म्युनिसिपल कमिश्नर रमाकांत बिरादर के घर पर भी छापेमारी की थी।
यह है मामला
ईडी सूत्रों के अनुसार, लाइफलाइन हॉस्पिटल मैनेजमेंट सर्विसेज द्वारा कुछ उप-निविदाएं निकाली की गईं, जिनमें चिकित्सा आपूर्ति और सेवाओं की आपूर्ति के लिए निविदाएं शामिल थीं। सूरज चव्हाण इस टेंडर से जुड़े थे। ईडी जानना चाहती है कि क्या इस पूरे कॉन्ट्रैक्ट में वित्तीय लेनदेन के दौरान नियमों का उल्लंघन हुआ? क्या इसमें किसी तरह की गड़बड़ी हुई?
लगाए गए आरोप
– ऐसी कंपनी से अनुबंध, जिसके पास स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने का कोई अनुभव नहीं है।
– अनुबंध के लिए जाली दस्तावेज प्रस्तुत करना।
– कंपनी ने यह जानकारी छिपाई कि उसे पुणे मेट्रोपॉलिटन रीजन डेवलपमेंट अथॉरिटी ने ब्लैकलिस्ट कर दिया था।
– 100 करोड़ रुपए की हेराफेरी का आरोप।
– 38 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी का अपराध।