Appointment scam: पश्चिम बंगाल के बहुचर्चित शिक्षक भर्ती घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़ा खुलासा किया है। ईडी ने गुरुवार को विशेष पीएमएलए अदालत को बताया कि जुलाई 2022 में अर्पिता मुखर्जी के दो आवासों से बरामद नकदी और सोना उनके संरक्षक और तृणमूल कांग्रेस के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी का था।
ईडी ने अदालत को जानकारी दी कि अर्पिता, जो वर्तमान में सशर्त जमानत पर हैं, ने पूछताछ के दौरान स्वीकार किया कि उनके नाम पर दर्ज संपत्तियों का उपयोग पार्थ चटर्जी द्वारा नकदी और सोना रखने के लिए किया जाता था।
आरोप तय करने की प्रक्रिया शुरू
26 दिसंबर को इस मामले में आरोप तय करने की प्रक्रिया शुरू हुई। पहले उन 10 आरोपितों पर आरोप तय किए जा रहे हैं जिन्होंने राहत याचिका दायर की है। इन आरोपितों में पार्थ चटर्जी भी शामिल हैं। इस सप्ताह कुल नौ अन्य आरोपितों ने भी राहत याचिकाएं दाखिल की थीं।
कुल 151.26 करोड़ रूपये की संपत्ति जब्त
ईडी के पांचवें और अंतिम पूरक आरोपपत्र के अनुसार, शिक्षक भर्ती घोटाले में कुल 151.26 करोड़ रूपये की संपत्ति जब्त की गई है। इसमें से 103.78 करोड़ रूपये का हिस्सा पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी का है। यह राशि नकदी, सोना और अचल संपत्तियों के रूप में जब्त की गई है।
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आरोप तय होने के बाद शुरू होगा ट्रायल
विशेष अदालत ने निर्देश दिया है कि आरोप तय होने के बाद इस मामले का ट्रायल शुरू होगा। पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी को इस घोटाले में सबसे बड़े लाभार्थी के रूप में दर्ज किया गया है।