Electoral Bonds: भारतीय स्टेट बैंक (State Bank of India) ने 13 मार्च (बुधवार) को चुनावी बांड (Electoral Bonds) मामले में एक अनुपालन हलफनामा (compliance affidavit) दायर किया, जिसके दो दिन बाद सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बांड के विवरण का खुलासा करने के लिए अधिक समय देने की बैंक की याचिका खारिज (Petition dismissed) कर दी।
शीर्ष अदालत ने एसबीआई से कहा था कि बैंक को चुनावी बांड खरीदारों के नामों का मिलान विशिष्ट राजनीतिक दलों (Certain political parties) से नहीं करना है। कोर्ट द्वारा तय की गई समयसीमा मंगलवार शाम 5 बजे खत्म हो गई।
State Bank of India Chairman Dinesh Kumar Khara files affidavit in the #SupremeCourt stating that the direction to disclose the #ElectoralBonds data to the ECI has been complied with.#SBI pic.twitter.com/hhkvBYQaM8
— Live Law (@LiveLawIndia) March 13, 2024
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एसबीआई ने जारी किया अनुपालन हलफनामा
13 मार्च (बुधवार) के हलफनामे में, एसबीआई ने 14 अप्रैल, 2019 से 15 फरवरी, 2024 तक खरीदे और कैश किए गए चुनावी बांड का विवरण प्रस्तुत किया। एसबीआई ने कहा कि चुनावी बांड की खरीद और नकदीकरण की तारीख, दान प्राप्त करने वाले राजनीतिक दलों के नाम और नाम का विवरण खरीददारों की संख्या और उनके मूल्य निर्वाचन आयोग को प्रस्तुत कर दिए गए हैं।
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दो पासवर्ड-संरक्षित पीडीएफ फाइलों
डेटा को दो पासवर्ड-संरक्षित पीडीएफ फाइलों में संकलित किया गया था और एक पेन ड्राइव में सौंप दिया गया था, जबकि पासवर्ड एक लिफाफे में जमा किए गए थे। कुल 22,217 चुनावी बांड खरीदे गए और उनमें से 22,030 राजनीतिक दलों द्वारा कैश किए गए। 1 से 11 अप्रैल, 2019 के बीच कुल 3,346 चुनावी बांड खरीदे गए और उनमें से 1,609 भुनाए गए। 12 अप्रैल, 2019 से 15 फरवरी, 2024 तक कुल 18,871 चुनावी बांड खरीदे गए और 20,421 भुनाए गए।
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