मुफ्त में बिजली (Electricity) देने का दावा करने वाली केजरीवाल सरकार (Kejriwal Government) में बिजली महंगी हो सकती है। बिल में 8 से 10 फीसदी तक बढ़ोतरी की उम्मीद है। दिल्ली इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन (Delhi Electricity Regulatory Commission) ने बिजली खरीद समझौते पर रेट बढ़ाने की इजाजत दे दी है। इस पर अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इसका सीधा असर उपभोक्ताओं (Consumers) पर नहीं पड़ेगा।
बिजली महंगी होने की आशंका पर कुछ राहत मिल सकती है। यह राहत उन उपभोक्ताओं के लिए है जिनकी बिजली खपत 200 यूनिट है। इस बढ़ोतरी से उन पर कोई असर नहीं पड़ेगा। बिजली के दाम बढ़ाने पर आखिरी फैसला केजरीवाल सरकार को लेना है। बढ़ी हुई कीमतें उपभोक्ता के बिल में जुड़ेंगी या नहीं।
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दरअसल, रिलायंस एनर्जी की कंपनी बीएसईएस यानी बॉम्बे सबअर्बन इलेक्ट्रिक सप्लाई ने बिजली खरीदने के लिए डीईआरसी के समक्ष आवेदन किया था, जिसके बाद दिल्ली विद्युत आयोग ने बीएसईएस के आवेदन को मंजूरी दे दी।
2019 में की गई थी मुफ्त बिजली की घोषणा
आपको बता दें कि 2019 में दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बिजली उपभोक्ताओं के लिए बड़ी घोषणा की थी। दिल्ली में 200 यूनिट तक बिजली इस्तेमाल पर बिजली बिल माफ करने का फैसला लिया गया है। साथ ही अगर आप 201 से 400 यूनिट तक बिजली खपत करते हैं तो भी अब आपको आधा बिल ही चुकाना होगा। खास बात यह है कि राष्ट्रीय राजधानी में करीब 58 लाख बिजली उपभोक्ता हैं, जिनमें से 47 लाख को सब्सिडी मिलती है। इनमें से 30 लाख उपभोक्ता ऐसे हैं जिनका मासिक बिल शून्य आता है।
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