बिहार में एक अजीबोगरीब घटना घटी है। यहां करोड़ों रुपए एडवांस लेकर ग्रामीण कार्य विभाग में कार्यरत 38 जूनियर इंजीनियर गायब हो गए हैं। विभाग उन इंजीनियरों के बारे में पता लगाने की कोशिश कर रहा है। इसके लिए संबंधित विभाग को उनका स्थाई पता उपलब्ध कराने का आदेश दिया गया है।
ग्रामीण विभाग के अभियंता प्रमुख अशोक कुमार मिश्रा ने इस बारे में संबंधित कार्य अंचलों से पत्र व्यवहार किया है। पत्र में उन गायब हो गए जूनियर इंजीनियरों के बारे में जानकारी उपलब्ध कराने का आदेश दिया गया है।
8 करोड़ रुपए की राशि का नहीं दिया हिसाब
दरअस्ल इन 38 जूनियर इंजीनियरों ने राष्ट्रीय ग्रामीण योजना-एनआरपी के तहत अग्रिम राशि निकाल ली और फरार हो गए। यह राशि करीब 8 करोड़ है। वे इस राशि के बारे में बिना कोई हिसाब दिए गायब हो गए हैं। इस बीच कई इंजीनियर रिटायर हो गए, जबकि कुछ लोगों का निधन हो गया। प्राप्त जानकारी के अनुसार 38 जूनियर इंजीनियरों में से 20 रिटायर हो गए हैं, जबकि 15 अभी भी कार्यरत हैं। दो की मौत हो चुकी है, जबकि एक छापेमारी के दौरान गिरफ्तार किए गए हैं।
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इन जूनियर इंजीनियरों का खोजा जा रहा है पता
अरुण कुमार और विजय कुमार अब इस दुनिया में नहीं हैं, जबकि इंद्रदेव प्रसाद, घनश्याम दास, श्रीकांत प्रसाद, सुभाष सिंह, रवींद्र कुमार सिंह, प्रभु साह, कैशर अली, कुवंर रवींद्र प्रसाद सिंह, नेशार अहमद, उमेश प्रसाद सिंह, फेराजुल हक, सिराज अहमद, कृष्ण देव प्रसाद, दिलीप कुमार, राजेंद्र कुमार, वीरेंद्र कुमार मिश्रा, अनिल कुमार सिंह, तौकिर अहमद, रामस्वार्थ साह सेवा निवृत्त हो चुके हैं। नवलेश प्रसाद सिंह को एक मामले में गिरफ्तार किया गया है।
ये अभी भी कार्यरत
नंदकिशोर शर्मा, अरविंद कुमार, छोटू प्रसाद, शंभूनाथ केसरी,विजय प्रताप सिंह, इंद्रदेव यादव, प्रमोद कुमार, व्यासमुनी राम, छोटू प्रसाद, प्रमोद कुमार, विद्यार्थी रजक, नारायण शर्मा और सदाब अनवर अभी भी कार्यरत हैं।