महाराष्ट्र सरकार के मंत्री नवाब मलिक का बेटा भी संकट में आ गया है। प्रवर्तन निदेशालय का समन उनके घर पहुंच गया है। यह प्रकरण भारत के भगोड़े आतंकी दाऊद इब्राहिम के परिवार से संबंध और उनकी सहायता से भूखण्ड खरीदने तथा मनी लॉड्रिंग से जुड़ा है। इस प्रकरण में मलिक के छोटे नवाब (पुत्र) को सोमवार को पेश होने के लिए समन भेजा गया है
भगोड़े आतंकी दाऊद इब्राहिम की बहन हसीना पारकर को कुर्ला के भूखण्ड को हथियाने में सहायता करने और बाद में उसे खरीदने के प्रकरण में अल्पसंख्यक मंत्री नवाब मलिक जांच एजेंसियों निशाने पर हैं। उन्हें इस प्रकरण में गिरफ्तार भी किया गया है। परंतु, जांच में सहयोग करने के कारण उनके परिवारजन भी अब जांच की आंच में आ गए हैं। इस प्रकरण में जांच के दायरे में अब आए हैं नवाब मलिक के बेटे फराज मलिक। जिन्हें प्रवर्तन निदेशालय ने जांच के लिए बुलाया है।
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भूखण्ड खरीदी में फराज का नाम
जानकारी के अनुसार नवाब मलिक ने दाऊद इब्राहिम के सहयोगी तथा 1993 मुंबई बम विस्फोट के सजायाफ्ता कैदी सरदार वली खान की कुर्ला स्थित 3 एकड़ जमीन सिर्फ 30 लाख रुपये में वर्ष 2005 में खरीदी थी। इस जमीन की रजिस्ट्री पर सरदार वली खान की ओर से सलीम पटेल और नवाब मलिक की ओर से उनके बेटे फराज मलिक ने हस्ताक्षर किया था।
नवाब को अस्पताल से छुट्टी
पेट में दर्द की दिक्कत के बाद जे.जे अस्पताल में भर्ती कराए गए नवाब मलिक को अब छुट्टी मिल गई है। प्राप्त सूचना के अनुसार उन्हें प्रवर्तन निदेशालय अपने साथ ले गया है। उनसे भी इस प्रकरण में पूछताछ चल रही है। परंतु, आरोप है कि नवाब मलिक एजेंसी को सहयोग नहीं कर रहे हैं। जिसके कारण उनके परिवार के सदस्यों को पूछताछ के लिए समन भेजा गया है।
देवेंद्र फडणवीस ने लगाया था आरोप
इस मामले का पर्दाफाश पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने नवंबर 2021 में किया था। इसी शिकायत के आधार पर ईडी की टीम ने 23 फरवरी को नवाब मलिक के कुर्ला स्थित निवास नूर मंजिल पर छापा मारा। छापेमारी के बाद ईडी की टीम मलिक को फोर्ट स्थित ईडी कार्यालय ले गई।