हमीरपुर जिले में विश्व बैंक परियोजना से बनाई गई हाइवे की सड़क चार किमी तक दरारें आ गई हैं, जिसे लेकर लोक निर्माण विभाग (लोनिवि) के अभियंताओं में हड़कंप मचा हुआ है। हाइवे की यह सड़क को कोरोना संक्रमण काल में बनाया गया था, जिसमें समय से पहले ही लम्बी और गहरी दरारें आने से इसकी गुणवत्ता पर सवाल खड़े हो गए हैं। हालांकि लोनिवि के बड़े अभियंता ने इस मामले की जांच कराने और सड़क की मरम्मत कराने के निर्देश दे दिए हैं।
शहर से राठ को जोड़ने वाला हाइवे अखिलेश यादव की सरकार में लोगों के लिए बड़ा सिरदर्द बन गया था। हाइवे की 85 किमी सड़क पूरी तरह से उखड़कर गड्ढे में तब्दील हो गई थी, जिससे आए दिन इस मार्ग पर जाम लगता था। राठ से हमीरपुर आने में ही तीन से चार घंटे तक वक्त लगता था। योगी सरकार ने हमीरपुर से राठ मार्ग को उच्च क्वालिटी का बनाने की बड़ी सौगात दी थी।
लोनिवि के अभियंता के मुताबिक इस मार्ग की सड़क विश्व बैंक परियोजना के तहत बनाने की मंजूरी सरकार ने दी थी। इसके लिए तीन सौ करोड़ रुपये का फंड भी मंजूर किया गया था। दो साल पहले राठ हाइवे में 18 किमी तक सीसी रोड बनाई गई थी, जिसमें चंदुलीतीर गांव से चार किमी तक लम्बी और गहरी दरारें, इसमें आ गई हैं। इसे लेकर गांव के लोग भी दंग हैं।
हाइवे की सड़क में चार किमी तक आई गहरी और लम्बी दरारें
राठ हाइवे की 76 किमी लम्बी सड़क में चार किमी के दायरे में लम्बी और गहरी दरारें आने से कार्यदायी संस्था की बड़ी लापरवाही सामने आई है। बेतवा नदी पुल पार राठ तिराहे से शंकरी पीपल मोड़ तक पूरी सड़क में दरार आ गई है। गहरी दरारें देख ग्रामीण भी हैरान है। लोनिवि प्रांतीय खंड के अधिशाषी अभियंता एमएल वर्मा ने बताया कि हमीरपुर-राठ मार्ग की 76 किमी सड़क वर्ष 2019-20 में विश्व बैंक परियोजना कानपुर से बनाई गई थी।
ओवर लोड वाहनों के निकलने पर समय से पहले ही फट गई सड़क
लोनिवि के अधिशाषी अभियंता ने बताया कि राठ मार्ग पर मौरंग के ओवर लोड वाहनों का दिन-रात आवागमन होता है, जिसके कारण तीन सौ करोड़ रुपये की लागत से विश्व बैंक परियोजना से बनाई गई यह सड़क समय से पहले ही डैमेज हो गई है। कार्यदायी संस्था को सड़क बनाने और पांच साल तक देखरेख की जिम्मेदारी है। बताया कि कार्यदायी संस्था को डैमेज सड़क की मरम्मत कराने के निर्देश दे दिए गए हैं, जल्द ही ये कार्य कराए जाएंगे।