मुंबई महानगरपालिका ने दिवाली में पटाखे जलाने पर तो पाबंदी लगा दी है, लेकिन अनार और अन्य तरह की आतिशबाजी करने की छूट दी गई है। लक्ष्मी पूजन के दिन यानी 14 नवंबर को ये छूट दी गई है। लेकिन एक तरफ पटाखे जलाने पर तो बैन लगा दिया गया है लेकिन उसकी बिक्री खुल्लेआम की जा रही है। इस वजह से हर तरह के पटाखों की खूब बिक्री हो रही है।
क्या है दिशानिर्देश
दरअस्ल कोरोना महामारी के मद्देनजर उद्धव सरकार और बीएमसी प्रशासन ने मुंबई में बड़े पटाखे जलाने पर रोक लगाने का दिशानिर्देश दिया है, लेकिन छोटे और कम आवाज वाले पटाखे जलाने और आतिशबाजी करने पर छू दी है। लेकिन इस पर नजर रखने और नियम उल्लंघन करनेवाले लोगों पर दंडात्मक कार्रवाई नहीं किए जाने के कारण हर तरह के पटाखे खुल्लेआम बेचे जा रहे हैं। जब बाजार में इनकी उपलब्धता है तो लोग जान-बूझकर या अनजाने में हर तरह के पटाखे खरीद रहे हैं। राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने इस बारे में फेसबुक लाइव पर लोगों को संबोधित करते हुए कहा था कि राज्य में अनार और छोटे पटाखे फोड़ने पर कोई मनाही नहीं है। यह इजाजत भी सिर्फ लक्ष्मी पूजन के दिन यानी 14 नवंबर के दिन ही दी गई है। दूसरे दिन पटाखे जलाने पर पूरी तरह बैन लगाने की घोषणा की गई है।
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अग्निशमन दल करता है कार्रवाई
मुंबई में पटाखा दुकानों पर ज्वलनशील पदार्थ होने के कारण अग्निशमन दल द्वारा कार्रवाई की जाती है। पटाखे बेचने का लाइसेंस मनपा द्वारा दिया जाता है। इस बारे में जानकारी लेने के लिए हिंदुस्थान पोस्ट ने अग्निशमन दल के वरिष्ठ अधिकारियों से बात की। उन्होंने दावा किया कि लाइसेंसधारी दुकानों पर जांच की जाती है। लेकिन अन्य दुकानों और स्टॉल्स पर कार्रवाई करने के बारे में उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। सवाल यह उठ रहा है कि हर तरह के पटाखे खरीदने की तो छूट है लेकिन उसके जलाने पर पाबंदी है? यह किस तरह का दिशानिर्देश है।
जगह तय
Sमुंबई में पटाखे की दुकान कहां लगानी है और कहां नहीं, इसके लिए जगह निश्चित की गई है। उसके अनुसार ही स्टॉल्स लगाने की मंजूरी दी जाती है। इसकी पूरी लिस्ट महानगरपालिका ने पुलिस विभाग को सौंपी है। अब पुलिस अपने क्षेत्र की दुकानों के साथ ही पटाखे जलाने वालों पर भी कार्रवाई करेगी। बीएमसी अधिकारी मात्र उन्हें इसमें सहयोग करेंगे।