महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को सर्वोच्च न्यायालय से बड़ी राहत मिली है। न्यायालय ने ईडी की बॉम्बे उच्च न्यायालय की उस याचिका को चुनौती देने वाली खारिज कर दी है, जिसमें उसने सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। बॉम्बे उच्च न्यायालय ने पिछले दिनों अनिल देशमुख को जमानत दे दी थी। ईडी ने उस फैसले को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी थी।
10 अक्टूबर को ईडी की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित और न्यायमूर्ति एस आर भट की पीठ के समक्ष मामले को तत्काल सूचीबद्द करने का उल्लेख किया था। पीठ ने कहा था कि इस प्रकरण की न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष 11 अक्टूबर को सुनवाई होगी।
4 अक्टूबर को मिली थी जमानत
बॉम्बे उच्च न्यायालय ने 4 अक्टूबर को ईडी वाले मामले में जमानत दे दी थी। इसमें कहा गया था कि उनके परिवार के ट्रस्ट के खाते में क्रेडिट के दो घटक अपराध की आय नहीं थे। अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने इस फैसले को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती देने की बाद कही थी। उनके इस बयान के बाद हाई कोर्ट ने इस आदेश पर 13 अक्टूबर तक रोक लगा दी थी।
महाराष्ट्र पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को ईडी ने 100 करोड़ रुपये की रंगदारी के मामले में गिरफ्तार किया था। इस मामले में आखिरकार 11 महीने बाद देशमुख को बॉम्बे उच्च न्यायालय ने जमानत दे दी थी। ऐसे में संभावना थी कि देशमुख दशहरा घर में ही मनाएंगे। लेकिन ईडी ने इसे सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख पर निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वाजे ने आरोप लगाया था कि अनिल देशमुख उनसे 100 करोड़ रुपये प्रति माह वसूलने के लिए कह रहे थे। इस मामले में देशमुख को ईडी ने गिरफ्तार किया था।
सर्वोच्च न्यायालय ने जताई थी नाराजगी
सितंबर महीने में मनी लांड्रिंग मामले में जेल में बंद एनसीपी लीडर अनिल देशमुख की जमानत याचिका 8 महीने से उच्च न्यायालय में लंबित रहने पर सर्वोच्च न्यायालय ने नाराजगी जताई थी। सर्वोच्च न्यायालय ने इस हफ्ते याचिका पर फैसला लेने को कहा था। कोर्ट ने देशमुख को निर्देश दिया था कि वो 27 सितंबर को बांबे उच्च न्यायालय में मामले को रखें। सर्वोच्च न्यायालय ने बॉम्बे उच्च न्यायालय को जमानत याचिका पर एक हफ्ते में फैसला करने का निर्देश दिया था।
जमानत याचिका पर सुनवाई स्थगित
हाईकोर्ट ने 8 अप्रैल को देशमुख की जमानत याचिका पर सुनवाई स्थगित कर दी थी। साथ ही खराब स्वास्थ्य का हवाला देने के बावजूद जमानत याचिकाओं की तत्काल सुनवाई की मांग को खारिज कर दिया था। तब, हाईकोर्ट ने कहा था कि चिकित्सा आधार पर तत्काल सुनवाई की मांग एक समस्या बन गई है।
ये है आरोप
दरअसल, अनिल देशमुख पर आरोप है कि उन्होंने मुंबई के पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह और पुलिस इंस्पेक्टर सचिन वाजे से एक सौ करोड़ रुपये की रंगदारी प्रतिमाह वसूली करने का आदेश दिया था। इस मामले की जांच सेंट्रल इंवेस्टिगेशन ब्यूरो (सीबीआई) और ईडी ने किया है। अनिल देशमुख को इस मामले 2021 के नवंबर में गिरफ्तार किया गया था। इस समय अनिल देशमुख को न्यायिक कस्टडी में आर्थर रोड जेल में हैं।