पिछले 79 दिनों से दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे किसान संगठनों के नेताओं में फूट पड़ने की आशंका व्यक्त की जा रही है। संयुक्त किसान मोर्चा के 18 फरवरी को चार घंटे प्रस्तावित रेल रोको आंदोलन को लेकर भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत ने असमति जताई है। उन्होंने कहा कि मैं इसके पक्ष में नहीं हूं। राकेश टिकैत के भाई संगठन के अध्यक्ष नरेश टिकैत ने कहा कि हमें ऐसा काम करना चाहिए, जिससे जनता को कम से कम असुविधा हो।
नरेश टिकैत ने क्या कहा?
मुरादाबाद के बिलारी में किसान महापंचायत में भाग लेने जाते वक्त नरेश टिकैत ने संभल के सिंहपुरसानी में किसान नेताओं से मुलाकात की। इसके बाद पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि हमें रेल-बस रोकने जैसे आंदोलन नहीं करने चाहिए। उनका कहना था कि इस तरह के आंदोलन से जनता को असुविधा होती है। नरेश टिकैत ने कहा कि इस मामले में उनकी किसान नेताओं से बातचीत जारी है। उन्होंने कहा कि जनता का ध्यान रखना हमारा काम है।
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केंद्र सरकार को दी चेतावनी
किसान आंदोलन को लेकर केंद्र सरकार के रुख पर नरेश टिकैत ने नाराजगी जताते हुए कहा कि सरकार का सिक्का किसानों पर नहीं चलेगा। हम अपनी मांग को लेकर अडिग हैं और जब तक तीनों कृषि कानूनों को रद्द नहीं किया जाता, तब तक हमारा आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने केंद्र सरकार पर किसानों को अपमानित करने का आरोप लगाया।
संयुक्त किसान मोर्चा ने किया ऐलान
बता दें कि 11 फरवरी को संयुक्त किसान मोर्चा ने अपनी आगे की रणनीतियों का ऐलान किया है। इस रणनीति के तहत 14 फरवरी को पुलवामा हमले में शहीद हुए जवानों की शहादत को याद करने के लिए देश भर में कैंडल मार्च और मशाल जुलूस, 16 फरवरी को किसानों के मसीहा छोटूराम चौधरी की जयंती पर एकजुटता रैली और 18 फरवरी को दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक देश भर मे रेल रोको आंदोलन किया जाएगा।