पंजाब सरकार (Punjab Government) द्वारा किसान नेताओं (Farmer Leaders) को गिरफ्तार (Arrested) करने और शांतिपूर्ण तरीके से पिछले कई महीनों से शंभु (Shambhu) व खनौरी बार्डर (Khanauri Border) पर आंदोलन (Agitation) कर रहे किसानों (Farmers) पर की गई कार्रवाई (Action) के विरोध में किसानों ने शुक्रवार को फतेहाबाद में सड़कों पर उतरकर रोष प्रदर्शन किया। पगड़ी संभाल जट्टा किसान संघर्ष समिति के आह्वान पर आज किसान लाल बत्ती चौक पर एकत्रित हुए और पंजाब सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए सीएम भगवंत मान का पुतला फूंका।
प्रदर्शन का नेतृत्व किसान संघर्ष समिति के जिला प्रधान ओमप्रकाश ने किया। इस अवसर पर भूपेन्द्र रंधावा, लवी बाठ, अमन बाठ, गुरप्रीत सिंह, छबील दास, हरनाम अहलीसदर, राकेश मलिक, जगप्रीत सिंह, दया सिंह, बलवंत हसंगा, आत्माराम हसंगा, काला हसंगा सहित काफी संख्या में किसान मौजूद रहे।
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किसानों ने कहा कि एक तरफ केंद्र और पंजाब सरकार किसानों के साथ बातचीत का ढोंग कर रहे हैं और दूसरी ओर बातचीत की आड़ में किसानों पर जुल्म ढहाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है, जब किसी मुख्यमंत्री ने इस प्रकार के हथकंडे अपनाकर किसानों को जबरन बॉर्डर से हटाया हो। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार से एमएसपी गारंटी कानून सहित तमाम मांगों को लेकर 7वें दौर की वार्ता चल रही थी, लेकिन उससे पहले ही पंजाब की भगवंत मान सरकार ने धोखे से किसानों को मीटिंग के लिए बुलाया और पीछे से दोनों बॉर्डरों, शंभू व खनौरी पर शांतिपूर्वक तरीके से बैठे किसानों को हिरासत में लेकर किसानों की पीठ में छुर्रा घोंपने का काम किया है, जिसे किसी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
पंजाब के सीएम भगवंत मान को आड़े हाथ लेते हुए किसान नेताओं ने कहा कि जो मुख्यमंत्री कल तक किसानों के हित की बात करता था, आज वह किसानों पर लाठियां बरसा रहा है। उन्होंने पंजाब सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि जल्द हिरासत में लिए गए किसानों को नहीं छोड़ा गया, तो किसानों को आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि जब तक सरकार किसानों की मांगों को नहीं मानती, उनका आंदोलन आगे भी जारी रहेगा। (Punjab News)
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