भारत (India) के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर (Foreign Minister Dr. S. Jaishankar) ने कहा है कि क्षेत्रीय एवं वैश्विक शांति (Regional and Global Peace) के लिए आतंकवाद (Terrorism) एक खतरा बन गया है तथा आतंकी हमलों (Terrorist Attacks) को अंजाम व बढ़ावा देने और इसका वित्तपोषण करने वालों की पहचान और दंडित करने की जरूरत है।
हाल में अस्ताना की काजिनफॉर्म समाचार एजेंसी के साथ एक साक्षात्कार के दौरान उन्होंने यह बात कही। केवल इतना ही नहीं, इस दौरान उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि तीन बुराइयों आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद के खिलाफ लड़ाई शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) में प्राथमिकता है। एससीओ राष्ट्राध्यक्ष परिषद की 24वीं बैठक कजाक की राजधानी अस्ताना में कजाकिस्तान की अध्यक्षता में आयोजित की गई।
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इस शिखर सम्मेलन में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने किया। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ भी सम्मेलन में शामिल हुए। विदेश मंत्री डॉ. जयशंकर ने कहा कि उन्हें खुशी है कि सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए कजाकिस्तान ने आतंकवाद, अलगाववाद और कट्टरता के खिलाफ युद्ध छेड़ने को लेकर प्रस्तावों पर विचार-विमर्श किया।
पिछले साल नई दिल्ली में हुए एससीओ सम्मेलन में इस संबंध में दिए गए संयुक्त वक्तव्य को अंगीकार किया गया था। उन्होंने कहा कि एंटी-ड्रग सेंटर दुशांबे में स्थापित करने पर भी सहमति बनी है।
(इनपुट-हिंदुस्थान समाचार)
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