वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को संसद में केंद्रीय बजट 2021-2022 पेश किया। इस बार आम जनमानस से लेकर देश के विभिन्न व्यावसायिक क्षेत्रों को बजट से बड़ी आशाएं थीं। इसमें आयकर में छूट की सीमा, स्वास्थ्य क्षेत्र के उन्नयन के कार्यों के लिए राशि का आबंटन, ग्रामीण क्षेत्र के लिए विकास योजना, मूलभूत संसाधन विकास की निधि और रक्षा क्षेत्र आदि शामिल हैं। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि, इस वर्ष का बजट छह स्तंभों पर निर्भर है। जिसमें देश के सभी वर्ग और क्षेत्रों को सम्मिलित किया गया है।
- पहला स्वास्थ्य और कल्याण,
- भौतिक, वित्तीय पूंजी और अवसंरचना
- आकांक्षी भारत के लिए समावेशी विकास
- मानव पूंजी में नवजीवन का संचार
- नवाचार अनुसंधान और विकास
- न्यूनतम सरकार और अधिकतम सरकार है
इन छह स्तंभों के आधार पर वित्तमंत्री ने किस क्षेत्र को दिया इसके लिए जानते हैं ब्यौरा।
सस्ते घरों की ब्जाज सीमा बढ़ी : वित्तमंत्री ने सस्ते घरों पर ब्याज की सीमा को एक साल के लिए बढ़ा दिया है। अफोर्डेबल और रेंटल हाउसिंग के लिए 1.5 लाख ब्याज की सीमा को मार्च 2022 तक बढ़ा दिया गया है।
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आयकर को लेकर घोषणा : 75 साल से अधिक उम्र के उन लोगों को, जिनकी आय का स्रोत नहीं है, उन्हें आयकर रिटर्न भरने की आवश्यकता नहीं होगी।
छोटे टैक्स पेयर्स से जुड़े विवादों को सुलझाने के लिए मैकेनिज्म को बढ़ावा दिया जाएगा। टैक्स इनवेस्टिगेशन केस रिओपन करने की अवधि को 6 साल से 3 साल किया गया है।
राजकोषीय घाटा : वित्त वर्ष 2022 का राजकोषीय घाटा जीडीपी का 9.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है। व्यय लक्ष्य भी 2 प्रतिशत से बढ़ाकर 34.50 लाख करोड़ रुपए रखा गया है।
वैक्सीन पर व्यय : कोरोना संक्रमण के प्रबंधन और नियंत्रण के लिए 35 हजार करोड़ रुपए का आबंटन किया गया है। वित्तमंत्री ने आश्वस्त किया कि यदि आवश्यकता पड़ी तो अतिरिक्त सहायता भी दी जाएगी।
वर्ष 2021-22 में स्वास्थ्य सेक्टर के लिए 2.38 करोड़ रुपए आबंटित किया गया है।
स्वास्थ्य सेक्टर के लिए पिछले बजट की तुलना में 135 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की गई है
स्वस्थ्य भारत योजना के लिए 64,180 करोड़ रुपए के खर्च का प्रावधान है। इस वर्ष से मिशन पोषण की शुरुआत होगी।
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उज्ज्वला स्कीम : उज्ज्वला स्कीम के अंतर्गत एक करोड़ लोगों तक लाभ पहुंचाया जाएगा। नए वित्त वर्ष में हाइड्रोजन एनर्जी मिशन को शुरू किया जाएगा। केंद्र सरकार 100 नए जिलों को अगले तीन वर्ष तक सिटी गैस वितरण व्यवस्था से जोड़ेगी। इसके अलावा स्वतंत्र गैस ट्रांसपोर्ट ऑपरेटर बनाया जाएगा।
बीमा क्षेत्र : बीमा क्षेत्र में संशोधन करके एफडीआई को 49 प्रतिशत से बढ़ाकर 74 प्रतिशत किया जाएगा।
कंपनी कानूनों में संशोधन : कंपनी कानून 2013 में संशोधन का प्रस्ताव है। छोटे उद्योगों के पूंजीकरण की सीमा 50 लाख रुपए से बढ़ाकर 2 करोड़ रुपए तक बढ़ाई जाएगी, जबकि कुल टर्नओवर 2 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 20 करोड़ रुपए किया जाएगा।
पेट्रोल-डीजल पर सेस : पेट्रोल पर 2.5 रुपए और डीजल पर 4 रुपए का कृषि सेस लगाया गया है।
बैंकिंग क्षेत्र में सुधार : बैंकों के रिकैपिटलाइजेशन के लिए 20 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। सरकारी बैंकों के कर्ज की वसूली पर विशेष बल दिया जाएगा। ऋण प्रंबधन के लिए एआरसी का गठन किया जाएगा।
रेल मंत्रालय : वित्त वर्ष में रेल क्षेत्र के विकास के लिए 1,10,055 लाख करोड़ रुपए का आबंटन किया गया है।
डिस्कॉम के लिए भी आर्थिक सहायता : बिजली कंपनियों को 3 लाख करोड़ रुपए की राहत दी जाएगी। इसके अलावा बिजली वितरण कंपनियों की मोनोपोली खत्म करने के लिए वितरण व्यवस्था में व्यापक सुधार किये जाए जाएंगे।
बनेंगे टेक्सटाइल पार्क : वित्तमंत्री ने निर्माण क्षेत्र के लिए डबल डिजिट ग्रोथ की आवश्यकता व्यक्त की है। इसके अंतर्गत अगले तीन वर्षों में 7 नए टेक्सटाइल पार्क बनाने की योजना है।
प्रधानमंत्री स्वास्थ्य भारत योजना : इस योजना पर अगले 6 वर्षों में 64,180 करोड़ रुपए का व्यय किया जाएगा।
शहरी स्वच्छता अभियान : केंद्र सरकार 1,41,678 करोड़ रुपए के खर्च से शहरी स्वच्छता अभियान की शुरूआत करेगी। यह राशि अगले 5 वर्षों में खर्च की जाएगी।
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