केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने जम्मू-कश्मीर के जंगलों में छह महीने का प्रशिक्षण पूरा करने के बाद जंगल युद्ध विशेषज्ञ कोबरा कमांडो के अपने पहले बैच को कुपवाड़ा में तैनात किया है। यह कमांडो मूल रूप से वर्ष 2009 में मध्य और पूर्वी भारत में माओवादी विद्रोहियों से निपटने के लिए बनाया गया था।
जंगलों में दिया गया प्रशिक्षण
एक अधिकारी ने बताया कि बिहार और झारखंड में नक्सली हिंसा में कमी के कारण लगभग छह महीने पहले जम्मू और कश्मीर के जंगलों में इन विशेष बलों नेे प्रशिक्षण दिया था। उन्होंने कहा कि फिलहाल उन्होंने अपना प्रशिक्षण पूरा कर लिया है और कुपवाड़ा में तैनात हैं लेकिन अभी तक किसी भी ऑपरेशन में शामिल नहीं हुए हैं। अधिकारी ने बताया कि इन कोबरा कमांडो, जिन्हें अक्सर जंगल योद्धा कहा जाता है, को उग्रवाद विरोधी प्रयासों में सीआरपीएफ का सहयोग करने, कानून व्यवस्था बनाए रखने तथा जम्मू-कश्मीर पुलिस व भारतीय सेना के साथ सहयोग करने के लिए अप्रैल में जम्मू-कश्मीर लाया गया है।
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जंगल और पहाड़ी इलाकों में आतंकियों से निपटने में विशेषज्ञता
अधिकारी ने बताया कि जंगल और पहाड़ी इलाकों में आतंकवादियों से निपटने में उनके पास विशेषज्ञता है, जो पूर्वाेत्तर क्षेत्रों और जम्मू-कश्मीर दोनों की स्थलाकृति के अनुरूप है। भविष्य में उन्हें इसी तरह के क्षेत्रों में तैनात करने की योजना है।
उल्लेखनीय है कि सीआरपीएफ से कोबरा कमांडो बनने के लिए चुने गए कर्मियों को छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, बिहार और झारखंड के विभिन्न जंगली क्षेत्रों में नियुक्त किए जाने से पहले कमांडो और जंगल युद्ध के कड़े प्रशिक्षण से गुजरना पड़ता है।
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