GBS: गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (जीबीएस) से मुंबई में पहली मौत हुई है। नायर अस्पताल में 53 वर्षीय व्यक्ति की मौत होने के बाद मुंबई महानगरपालिका के आयुक्त भूषण गगरानी ने शहर के सभी बीएमसी अस्पतालों को अलर्ट मोड पर रहने का निर्देश दिया है।
एक की मैत, एक लड़की का उपचार जारी
मुंबई नगर निगम के स्वास्थ्य अधिकारी ने 12 फरवरी को बताया कि अंधेरी निवासी 53 वर्षीय व्यक्ति को 23 जनवरी को नायर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्हें सांस लेने में कठिनाई हो रही थी, इसलिए मरीज को गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में स्थानांतरित कर दिया गया था। 11 फरवरी को देर रात उनकी मौत हो गई। नायर अस्पताल में पालघर की एक 16 वर्षीय जीबीएस से पीड़ित एक लड़की का इलाज चल रहा है।
प्रदेश में 197 मरीजों का इलाज जारी
महाराष्ट्र स्वास्थ्य विभाग के अनुसार राज्य के विभिन्न अस्पतालों में जीबीएस से पीड़ित कुल 197 मरीजों का इलाज जारी है। इनमें 50 का गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में और 20 का वेंटिलेटर पर इलाज चल रहा है। सूबे में अब तक 104 मरीजों को स्वस्थ होने के बाद अस्पतालों से छुट्टी दी जा चुकी है। गुइलेन-बैरे सिंड्रोम मांसपेशियों की कमजोरी पैदा करने वाली पोलीन्यूरोपैथी का एक रूप है, जो आमतौर पर कुछ दिनों से लेकर आने वाले हफ्तों में बदतर हो जाता है।इसके बाद धीरे-धीरे सुधार होता है या अपने आप सामान्य हो जाता है। उपचार से लोगों में अधिक तेज़ी से सुधार हो सकता है।