Life Support System: एलसीए तेजस में उड़ान के दौरान लाइफ सपोर्ट सिस्टम का पहला परीक्षण रहा सफल, आत्मनिर्भर भारत की ओर एक और कदम

स्वदेशी लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) तेजस में उड़ान के दौरान ऑक्सीजन पर आधारित इंटीग्रेटेड लाइफ सपोर्ट सिस्टम (आईएलएसएस) का पहला परीक्षण पूरी तरह से सफल रहा है।

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Life Support System: स्वदेशी लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) तेजस में उड़ान के दौरान ऑक्सीजन पर आधारित इंटीग्रेटेड लाइफ सपोर्ट सिस्टम (आईएलएसएस) का पहला परीक्षण पूरी तरह से सफल रहा है। यह परीक्षण एलसीए-प्रोटोटाइप व्हीकल-3 विमान पर समुद्र तल से 50 हजार फीट की ऊंचाई और युद्धाभ्यास सहित विभिन्न उड़ान स्थितियों में किया गया।

सामग्री 90 प्रतिशत स्वदेशी
इस सिस्टम में लगाई गई सामग्री 90 फीसदी स्वदेशी है, जो एयरोस्पेस प्रौद्योगिकी में भारत की आत्मनिर्भरता को दर्शाती है। स्वदेशी ऑन बोर्ड ऑक्सीजन जनरेटिंग सिस्टम (ओबीओजीएस) पर आधारित इंटीग्रेटेड लाइफ सपोर्ट सिस्टम (आईएलएसएस) अत्याधुनिक प्रणाली है, जिसे उड़ान के दौरान पायलटों के लिए सांस लेने योग्य ऑक्सीजन उत्पन्न करने और नियंत्रित करने के उद्देश्य से तैयार किया गया है, जिससे पारंपरिक तरल ऑक्सीजन सिलेंडर आधारित प्रणालियों पर निर्भरता समाप्त हो जाती है। आईएलएसएस का परीक्षण हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (एडीए) के एलसीए-प्रोटोटाइप व्हीकल-3 विमान पर किया। इस प्रणाली की क्षमता को समुद्र तल से 50 हजार फीट की ऊंचाई और युद्धाभ्यास सहित विभिन्न उड़ान स्थितियों में कड़े एयरोमेडिकल मानकों पर परखा गया।

डीआरडीओ का प्रशासनिक नियंत्रण
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के प्रशासनिक नियंत्रण में कार्यरत बेंगलुरु स्थित रक्षा बायो-इंजीनियरिंग एंड इलेक्ट्रो मेडिकल प्रयोगशाला (डीईबीईएल) ने यह परीक्षण 04 मार्च को हल्के लड़ाकू विमान तेजस के लिए किया। परीक्षण के दौरान ऑक्सीजन सांद्रता, डिमांड ब्रीथिंग, 100 फीसदी ऑक्सीजन की उपलब्धता, आवश्यक ऊंचाइयों पर एरोबैटिक युद्धाभ्यास, टैक्सीइंग, टेक ऑफ, क्रूज, जी टर्न और रीजॉइन एप्रोच तथा लैंडिंग के दौरान ब्रीथिंग ऑक्सीजन सिस्टम (बीओएस) को शामिल किया गया। इस प्रणाली ने सेंटर फॉर मिलिट्री एयरवर्थनेस एंड सर्टिफिकेशन से उड़ान मंजूरी के बाद सभी निर्दिष्ट मापदंडों को सफलतापूर्वक पूरा किया।

रक्षा मंत्रालय ने दी जानकारी
रक्षा मंत्रालय के अनुसार ऑन-बोर्ड ऑक्सीजन जनरेटिंग सिस्टम से अलग इंटीग्रेटेड लाइफ सपोर्ट सिस्टम में 10 लाइन रिप्लेसेबल यूनिट्स को एकीकृत किया गया है, जिसमें लो-प्रेशर ब्रीदिंग रेगुलेटर, बीओएस, इमरजेंसी ऑक्सीजन सिस्टम, ऑक्सीजन सेंसर, एंटी-जी वाल्व और अन्य उन्नत उपकरण शामिल हैं। इससे वास्तविक समय पर ऑक्सीजन का उत्पादन होगा, जिससे पायलट को उड़ान के दौरान सांस लेने में दिक्कत नहीं होगी और परिचालन क्षमता में वृद्धि होगी। इस प्रणाली का निर्माण एलएंडटी ने विकास सह उत्पादन साझेदार के रूप में किया गया है, जो डीआरडीओ तथा भारतीय रक्षा उद्योगों के बीच महत्वपूर्ण सहयोग को दर्शाता है।

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90 प्रतिशत स्वदेशी सामग्री
इंटीग्रेटेड लाइफ सपोर्ट सिस्टम में लगाई गई 90 फीसदी स्वदेशी सामग्री के साथ इस प्रणाली का इस्तेमाल मिग-29के और अन्य विमानों में भी किया जा सकता है। यह उपलब्धि डीईबीईएल, एडीए, एचएएल, सीईएमआईएलएसी, राष्ट्रीय उड़ान परीक्षण केंद्र, वैमानिकी गुणवत्ता आश्वासन महानिदेशालय और भारतीय वायुसेना (आईएएफ) के प्रयासों से हासिल की गई है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव तथा रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन के अध्यक्ष डॉ. समीर वी. कामत ने हल्के लड़ाकू विमान तेजस के लिए स्वदेशी आईएलएसएस के अधिकतम ऊंचाई वाले सफल परीक्षण में योगदान के लिए डीआरडीओ टीम, भारतीय वायुसेना तथा रक्षा उद्योग जगत के भागीदारों की सराहना की है।

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