Mumbai: छोटा राजन गैंग के पांच गुर्गे गिरफ्तार, बांद्रा के बिल्डर से वसूली थी रकम

क्राइम ब्रांच के सूत्रों के अनुसार, पालघर जिले के नायगांव की मूल निवासी 58 वर्षीय बांद्रा की एक महिला ने बांद्रा में अपनी 1,300 वर्ग मीटर की प्रॉपर्टी एक बिल्डर को बेची थी।

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मुंबई (Mumbai) की क्राइम ब्रांच (Crime Branch) की एंटी एक्सटॉर्शन सेल (Anti Extortion Cell) ने बांद्रा के एक बिल्डर (Builder) से 10 करोड़ रुपये की रंगदारी (Extortion) मांगने के आरोप में पांच लोगों को गिरफ्तार (Arrested) किया है। गिरफ्तार किए गए लोगों में गैंगस्टर छोटा राजन (Gangster Chhota Rajan) के साथी, एक वकील और एक रियल एस्टेट एजेंट (Real Estate Agent) शामिल हैं।

गिरफ्तार आरोपियों में छोटा राजन गिरोह का सदस्य गणेश राम शोराडी उर्फ डैनी उर्फ दादा, रेमी फर्नांडीस, प्रदीप यादव, मनीष भारद्वाज और शशि यादव शामिल है। इन आरोपियों में से एक आरोपी क्राईम जर्नलिस्ट जे डेकी हत्या में भी शामिल था। जो सभी राजन गिरोह से जुड़े हैं।

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हाथ धोकर पड़े बिल्डर के पीछे
क्राइम ब्रांच के सूत्रों के अनुसार, पालघर जिले के नायगांव की मूल निवासी 58 वर्षीय बांद्रा की एक महिला ने बांद्रा में अपनी 1,300 वर्ग मीटर की प्रॉपर्टी एक बिल्डर को बेची थी। जब आरोपी रेमी फर्नांडिस (59) और वकील प्रदीप यादव (40) को इस बिक्री के बारे में पता चला, तो उन्होंने बिल्डर को बांद्रा के एक होटल में मिलने के लिए बुलाया। उन्होंने आरोप लगाया कि महिला का छोटा राजन के एक ज्ञात सहयोगी गणेश राम शोराडी के साथ पहले भी लेन-देन था। शोराडी कथित तौर पर लेन-देन पर चर्चा करने के लिए बिल्डर से मिलना चाहते थे। हालांकि, बिल्डर ने उन्हें बताया कि विक्रेता ने शोराडी के साथ किसी भी पिछले लेन-देन का खुलासा नहीं किया है।

10 करोड़ रुपए की जबरन वसूली
बता दें कि बिल्डर और उसके साथी जब प्रॉपर्टी का निरीक्षण कर रहे थे, तभी गिरोह से जुड़े लोगों ने बिल्डर को धमकाया और कहा कि अगर उसने 10 करोड़ रुपये की रंगदारी नहीं दी, तो उसे अंजाम भुगतना पड़ेगा। पुलिस ने बताया कि जब बिल्डर आरोपियों से मिला, तो उन्होंने उसे पिस्तौल दिखाकर डराने की कोशिश की।

पुलिस द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, मामले को दबाने के लिए आरोपियों ने 3 करोड़ रुपये की मांग की, जिसके बाद बिल्डर ने मुंबई क्राइम ब्रांच से संपर्क किया और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के निर्देश के बाद इस मामले की जांच शुरू हुई। पुलिस की मदद से एक स्टिंग ऑपरेशन किया गया, जिसमें बिल्डर ने आरोपियों को पैसे देने के लिए बुलाया और जब वे उससे मिलने पहुंचे, तो पुलिस ने मौके से गिरोह से जुड़े लोगों को गिरफ्तार कर लिया।

देखें यह वीडियो – 

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