Flood: नेपाल की बारिश से उत्तर बिहार में आयी बाढ़ रोज नए क्षेत्रों में प्रवेश कर रही है। पश्चिम चंपारण-पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी के बाद यह अब मुजफ्फरपुर और दरभंगा के नए इलाकों में फैलने लगा है, जिससे बाढ़ क्षेत्र में रहने वाले लोगों के लिए मुसिबत खड़ी हो गई है। अररिया जिले में 1 अक्टूबर को बाढ़ के पानी से दो शवों को निकाला गया है।
अररिया में दो की मौत
अररिया में बाढ़ के पानी में डूबने से दो की मौत हो गई है। अररिया में बहने वाली नदियों के जलस्तर में इजाफा के कारण निचले इलाकों में फैले पानी के कारण उत्पन्न बाढ़ की समस्या के बीच 1 अक्टूबर को एक किशोरी समेत एक अन्य युवक के शव मिले हैं। दोनों मामले दो अलग-अलग थाना क्षेत्रों रानीगंज और जोकीहाट के हैं।
जोकीहाट थाना क्षेत्र के धनपुरा के पास बलुआ धार में डूबने से हबीबा नाम की किशोरी की मौत हो गई। दूसरा मामला, रानीगंज थाना क्षेत्र के कोशकापुर उत्तर पंचायत का है। यहां वार्ड संख्या एक नित्यानंद ऋषिदेव टोला के रहने वाले 40 वर्षीय सिकेंद्र ऋषिदेव खेत मवेशी लाने के क्रम में गहरे पानी में डूब गया।
दरभंगा के किरतपुर और सुपौल बाढ़ प्रभावित
दरभंगा जिलाधिकारी के मुताबिक, दरभंगा के किरतपुर और सुपौल बाढ़ से प्रभावित है। जिले में किरतपुर स्थित सहरसा सीमावर्ती क्षेत्र में स्थित कोसी नदी का बांध टूट जाने से क्षेत्र के लोग प्रभावित हो गए हैं। बाढ़ का पानी तेजी से फैल रहा है, जिससे इलाके में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। पूर्वी चंपारण जिले में सुगौली उत्तरी सुगांव पंचायत के वार्ड संख्या-1 में सिकरहना नदी के टूटे रिंग बांध का मंगलवार को सदर एसडीओ स्वेता भारती ने स्थानीय अधिकारियों के साथ निरीक्षण किया। उन्होंने स्थानीय अधिकारियों को जन सुरक्षा को लेकर बांध की शीघ्र मरम्मत कराने का निर्देश दिया।
मुजफ्फरपुर में बाढ़ पीड़ितों के लिए 38 नाव
मुजफ्फरपुर जिले के औराई कटरा में प्रशासन ने बताया है कि 38 नाव सरकारी स्तर पर उपलब्ध कराए गए हैं। जिला सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी प्रमोद कुमार ने बताया कि औराई और कटरा क्षेत्र में आधिकारिक रूप से 38 नाम की व्यवस्था कराई गई है, जो सुचारू रूप से कार्य कर रही है। ग्रामीण क्षेत्र के लोगों का मैसेज सोशल मीडिया के माध्यम से प्राप्त हुआ है। स्थानीय प्रशासन से समन्वय स्थापित कर जल्द सभी को सुरक्षित जगह पर निकाला जाएगा और उन तक सरकारी व्यवस्थाएं पहुंच जाएगी।
लोग लगा रहे हैं मदद की गुहार
दूसरी ओर स्थानीय लोग मानवता के नाते प्रशासन से मदद की गुहार लगा रहे हैं। सोशल मीडिया पर कुछ बुद्धिजीवी वर्ग के लोग यह मैसेज डाले हैं कि 24 घंटे से अधिक बीतने के बाद भी औराई और कटरा के ग्रामीण क्षेत्रों में जहां काफी ज्यादा समस्याएं हैं, वहां अब तक प्रशासन के तरफ से कोई भी सुविधा उपलब्ध नहीं कराई गई है। कटरा पीएसएस में बाढ़ का पानी आने से 24 घंटा से ऊपर बीतने वाला है और बिजली प्रभावित है। स्थानीय स्तर पर किराना व्यवसायी सामानों की मुंहमांगी कीमत मांग रहे हैं।
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किशनगंज में 13 घर नदी में विलीन
किशनगंज जिले के टेढ़ागाछ प्रखंड क्षेत्र के चिल्हनिया पंचायत के सुहिया गांव में रतवा नदी ने कहर दिखाना प्रारंभ कर दिया है। सुहिया वार्ड संख्या-09 के नागेश्वर साह, रवि साह, रामगुनी साह, मुन्नी देवी, कौशल माझी, सागर सहनी, प्रभा देवी, राजकली देवी, शंकर सहनी, गोपाल साह, लीला देवी, कार्तिक चौधरी का घर रतवा नदी में बह गया, जिसके कारण इन परिवारों को काफी मुसीबतों का सामना करना पर रहा है।