राजधानी दिल्ली (Delhi) में शनिवार (9 सितंबर) को G-20 शिखर सम्मेलन (G-20 Summit) शुरू हो गया है। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) G-20 के आयोजन स्थल भारत मंडपम (Bharat Mandapam) पहुंच गए हैं। इस दौरान पीएम मोदी के साथ विदेश मंत्री एस जयशंकर (External Affairs Minister S Jaishankar) और एनएसए अजीत डोभाल (Ajit Doval) भी मौजूद रहे।
10 सितंबर तक चलने वाले इस समिट के लिए दिल्ली पूरी तरह से तैयार है। दिल्ली को दुल्हन की तरह सजाया गया है और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गये हैं। मेहमानों के स्वागत और उनकी सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं। इस खास कॉन्फ्रेंस के दौरान दुनिया की नजरें भारत की तरफ होंगी।
वहीं, G-20 शिखर सम्मेलन शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार (8 सितंबर) को विभिन्न देशों के जन प्रतिनिधियों के साथ द्विपक्षीय बैठक भी की। पीएम मोदी ने बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, मॉरीशस के पीएम प्रविंद कुमार जुगनौथ के साथ द्विपक्षीय वार्ता में भाग लिया।
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भारत मंडपम आ रहे नेता
G-20 नेता और प्रतिनिधि दिल्ली के प्रगति मैदान में G-20 शिखर सम्मेलन के आयोजन स्थल भारत मंडपम पहुंचे।
कोणार्क चक्र का प्रदर्शन
जिस स्थान पर सभी नेताओं ने पीएम मोदी से हाथ मिलाया, वहां बैकग्राउंड में ओडिशा का कोणार्क चक्र प्रदर्शित किया गया है। यह चक्र भारत के प्राचीन ज्ञान, उन्नत सभ्यता और स्थापत्य उत्कृष्टता का प्रतीक है।
चीन के साथ कोई द्विपक्षीय वार्ता नहीं
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, G-20 समिट के दौरान चीन के साथ द्विपक्षीय बातचीत नहीं होगी।
भारत का फोकस G-20 से G-21 बनाने पर है
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत का फोकस G-20 से G-21 बनाने पर है। इसमें अफ्रीकी देशों के समूहों को भी शामिल किया जा सकता है। पीएम मोदी अफ्रीकी देशों के समूह में औपचारिक रूप से शामिल होने के बारे में बात करेंगे। अगर ऐसा हुआ तो इस बार G-20 बढ़कर G-21 हो जाएगा।
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