तेलुगु देशम पार्टी (Telugu Desam Party) प्रमुख और आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) के पूर्व मुख्यमंत्री (Former Chief Minister) एन चंद्रबाबू नायडू (N. Chandrababu Naidu) को गिरफ्तार (Arrested) कर लिया गया है। टीडीपी ने इसकी जानकारी दी है। भ्रष्टाचार मामले (Corruption Case) में आपराधिक जांच विभाग (Criminal Investigation Department) ने शनिवार (9 सितंबर) सुबह नायडू के खिलाफ कार्रवाई की। नायडू के खिलाफ 2021 में मामला दर्ज किया गया था।
नायडू को सुबह-सुबह नंद्याल से गिरफ्तार किया गया जब वह शहर के आरके फंक्शन हॉल में स्थित अपने शिविर में आराम कर रहे थे। उन्हें गिरफ्तार करने के लिए नंदयाल रेंज के डीआइजी रघुरामी रेड्डी और सीआइडी के नेतृत्व में भारी पुलिस बल पहुंचा था।
यह भी पढ़ें- G20 Summit 2023: भारत पहुंचे ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला डी सिल्वा
नायडू के बेटे नारा लोकेश हिरासत में
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, चंद्रबाबू नायडू के बेटे और टीडीपी नेता नारा लोकेश को पूर्वी गोदावरी जिले में पुलिस ने हिरासत में लिया है। टीडीपी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लोकेश का वीडियो भी जारी किया है और कहा है कि पुलिस ने उन्हें चंद्रबाबू नायडू से मिलने जाने से रोका।
Andhra Pradesh | Criminal Investigation Department (CID) serves arrest warrant to TDP chief and former Andhra Pradesh CM N Chandrababu Naidu. pic.twitter.com/Y8PU6EIdtc
— ANI (@ANI) September 9, 2023
तीन बजे पुलिस व सीआइडी पहुंची
सीआईडी और पुलिस की टीम सुबह 3 बजे नायडू को गिरफ्तार करने पहुंची थी, लेकिन पूर्व सीएम की सुरक्षा में तैनात विशेष सुरक्षा बल ने उन्हें रोक दिया और कहा कि नियमों के मुताबिक, सुबह 5.30 बजे से पहले किसी को भी नायडू के पास जाने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए। उस समय नायडू अपने कारवां (एक विशेष रूप से तैयार की गई बस) के अंदर सो रहे थे। आखिरकार सुबह 6 बजे पुलिस ने बस का दरवाज़ा खटखटाया और नायडू को गिरफ्तार कर लिया गया।
क्या है पूरा मामला?
आंध्र प्रदेश राज्य कौशल विकास घोटाला मामले में चंद्रबाबू नायडू को मुख्य आरोपी बनाया गया है। इस घोटाले में सैकड़ों करोड़ रुपये के गबन का आरोप है। एपीएसएसडीसी की स्थापना 2016 में टीडीपी सरकार के कार्यकाल के दौरान बेरोजगार युवाओं को उनकी रोजगार क्षमता बढ़ाने के लिए कौशल प्रशिक्षण प्रदान करके सशक्त बनाने के उद्देश्य से की गई थी।
आंध्र प्रदेश सीईडी द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत कथित घोटाले की जांच कर रहा है। आरोप है कि मेसर्स डीटीएसपीएल, उसके निदेशकों और अन्य ने एक शेल कंपनी की मदद से बहुस्तरीय लेनदेन करके सरकारी धन का दुरुपयोग किया। फर्जीवाड़े के जरिए 370 करोड़ रुपये की रकम निकाली गई।
देखें यह वीडियो-
Join Our WhatsApp Community